दिलेर समाचार, ओटावा: कनाडा के हिंदू फोरम ने वहां के पब्लिक सेफ्टी मंत्री को पत्र लिखकर खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की धमकी को हेट क्राइम के तौर पर देखने की मांग की है. बुधवार को इंटरनेट पर एक वीडियो सामने आया जिसमें खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर चल रहे राजनयिक विवाद के बीच ‘सिख फॉर जस्टिस’ का आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू कनाडा में रह रहे हिंदुओं को धमकी दे रहा है और उनसे देश छोड़ने के लिए कह रहा है.
व्यापक रूप से प्रसारित इस वीडियो में, पन्नू कनाडाई सिखों से वैंकूवर में 29 अक्टूबर को होने वाले जनमत संग्रह में मतदान करने का भी आह्वान कर रहा है. भारत में आतंकवादी घोषित किए गए गुरुपतवंत सिंह पन्नू वायरल वीडियो में कह रहा है, ‘भारत-हिंदू…कनाडा छोड़ो, भारत चले जाओ.’ वह अपने वीडियो में दावा कर रहा है कि खालिस्तान समर्थक सिख ‘हमेशा कनाडा के प्रति वफादार रहे हैं और उन्होंने हमेशा कनाडा का पक्ष लिया है.’
भारत की खुफिया एजेंसियों ने कनाडा में खालिस्तान समर्थक संस्थाओं और उनके लिए बढ़ते राजनीतिक समर्थन पर चिंता जताई है और भारतीयों और अधिकारियों के खिलाफ ‘आक्रामक और तीव्र’ गतिविधियों के बारे में चेतावनी दी है. खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी जारी की है कि खालिस्तान समर्थक मंदिरों, कनाडा में रहने वाले भारतीयों और वहां व्यवसाय चलाने वाले भारतीय उद्यमियों को टारगेट कर सकते हैं. एजेंसियों ने कहा कि आने वाले दिनों में खालिस्तान समर्थकों और भारतीयों के बीच झड़प की सूचना मिल सकती है.
भारत ने बुधवार को, एक एडवाइजरी जारी कर कनाडा में रहने वाले अपने नागरिकों और यात्रा पर विचार कर रहे लोगों से वहां बढ़ती भारत विरोधी गतिविधियों और ‘राजनीतिक रूप से समर्थित घृणा अपराधों’ के मद्देनजर ‘अत्यधिक सावधानी’ बरतने का आग्रह किया. विदेश मंत्रालय (MEA) ने एक बयान में ‘भारत विरोधी एजेंडे’ का विरोध करने वाले भारतीय राजनयिकों और भारतीय समुदाय के वर्गों को टारगेट करने वाली ‘धमकी’ का उल्लेख किया, और भारतीय नागरिकों से कनाडा के उन क्षेत्रों और संभावित स्थानों की यात्रा करने से बचने के लिए कहा है, जहां ऐसी घटनाएं हुई हैं.
इस सप्ताह की शुरुआत में, भारत के विदेश मंत्रालय ने कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के उस दावे को ‘बेतुका और प्रेरित’ बताकर खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंटों की भूमिका होने का आरोप लगाया था. विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के निराधार आरोप खालिस्तानी आतंकवादियों और चरमपंथियों से ध्यान हटाने की कोशिश करते हैं, जिन्हें कनाडा में आश्रय दिया गया है और जो भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा बने हुए हैं.
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