दिलेर समाचार, पंचकूला. हरियाणा सरकार ने पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए सरकारी नौकरी और शिक्षा संस्थानों में दाखिलों के लिए मिलने वाले आरक्षण (BC Reservation in Haryana) की व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया है. राज्य में अब संवैधानिक अथवा उनके समकक्ष पदों पर काम करने वाले पिछड़े वर्ग के लोगों (सांसद, मंत्री अथवा विधायक) के बच्चों को आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाएगा. वहीं, हरियाणा सरकार के अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग कल्याण विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है. यह अधिसूचना आरक्षण अधिनियम 2016 में संशोधन करते हुए जारी की गई, ताकि पिछड़े वर्ग से नवोन्नत व्यक्तियों को आरक्षण के लाभ के दायरे से अलग कर दिया जाए.
बता दें कि हरियाणा सरकार ने नए सिरे से क्रीमीलेयर तय की है. केंद्र सरकार ने आठ लाख रुपये से कम वार्षिक आय वालों को आर्थिक रूप से कमजोर की श्रेणी में रखा है. वहीं, हरियाणा ने क्रीमीलेयर में वार्षिक आय सीमा घटाकर छह लाख रुपये कर दी है. इसमें सभी स्रोतों से प्राप्त आय को सकल वार्षिक आय की गणना करने के लिए जोड़ा जाएगा. यह परिवर्तन पिछड़ा वर्ग के लिए किया गया है. अब साफ है कि छह लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय होने पर पिछड़ा वर्ग को हरियाणा में आरक्षण नहीं मिलेगा.
राज्य में अब संवैधानिक अथवा उनके समकक्ष पदों (सांसद, मंत्री अथवा विधायक) पर काम करने वाले पिछड़े वर्ग के लोगों के बच्चों को आरक्षण का लाभ नहीं देने के पीछे हरियाणा सरकार की सोच यह भी है कि ऐसा करने से पहले से साधन संपन्न लोग सरकार की इस सुविधा का लाभ नहीं लेंगे और उनके स्थान पर पिछड़े वर्ग के वास्तविक जरूरतमंद लोगों को इसका फायदा मिल सकेगा. जबकि इस श्रेणी में सरकार की ओर से 27 फीसदी आरक्षण का लाभ दिया जाता है.
ये भी पढ़े: यूपी चुनाव: अखिलेश यादव की राकेश टिकैत पर नजर, कहा- चुनाव लड़ना चाहें तो स्वागत है
Copyright © 2016-24. All rights reserved. Powered by Dilersamachar