Logo
May 4 2024 12:12 AM

लीवर की जांच कराकर भी रोका जा सकता है हेपेटाइटिस!

Posted at: Jul 30 , 2018 by Dilersamachar 9646

दिलेर समाचार, नई दिल्ली:   देश में करीब 5 करोड़ लोग क्रोनिक हेपेटाइटिस से पीड़ित है। वायरल संक्रमण की वजह से लीवर में सूजन (इंफ्लामेशन) आम बोलचाल में हेपेटाइटिस कहा जाता है।

हेपेटाइटिस के लक्षण अन्य बीमारियों से काफी मिलते-जुलते हैं, इसलिए डायग्नोस्टिक टेस्ट के बिना इसकी पहचान करना असंभव है। भारत उन 11 देशों की सूची में चौथे स्थान पर है, जहां दुनिया भर के क्रोनिक हेपेटाइटिस के लगभग 50 प्रतिशत मरीज हैं।

इस बीमारी की पहचान नहीं होने का मुख्य कारण नियमित जांच और निदान की कमी है। दुनिया भर में मौजूदा समय में करीब 40 करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी वायरस से संक्रमित हैं। यह लीवर फेल्योर और कैंसर का मुख्य कारण है।

नई दिल्ली स्थित सरोज सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग के विभाग प्रमुख डॉ रमेश गर्ग ने कहा, 'लीवर का कार्य प्रोटीन, एंजाइम और अन्य पदार्थों का उत्पादन करके पाचन में मदद करना और शरीर से जहरीले पदार्थो को बाहर निकालना और भोजन से ऊर्जा उत्पन्न करना है। घटकों के उत्पादन में किसी भी प्रकार की असामान्यता इस बीमारी के होने का गंभीर संकेत है। लीवर के ठीक से कार्य नहीं करने का संदेह होने पर, लीवर फंक्शन टेस्ट (एलएफटी) किया जा सकता है जिसमें विश्लेषण के लिए रक्त का नमूना लिया जाता है।'

3एच केयर की संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. रुचि गुप्ता कहती हैं कि रोग की गंभीरता, टाइप और व्यक्ति, हेपेटाइटिस के किस स्ट्रेन से पीड़ित है, इसका पता लगाने के लिए लीवर की पूरी तरह से जांच करने के लिए वायरल सेरोलॉजी के तहत कई प्रकार के रक्त परीक्षण किए जाते हैं। रक्त के नमूने की जांच आक्रमण करने वाले वायरस के विशिष्ट मार्करों और इसकी एंटीबॉडी के लिए की जाती है जो उनसे लड़ता है। इस तरह के परीक्षण हेपेटाइटिस से पीड़ित रोगी में बीमारी के लंबे समय तक प्रबंधन और उपचार की सफलता पर निगरानी रखने के लिए उपयोगी साबित होते हैं। रक्त से एंटीजन का गायब होना इस बात का संकेत है कि संक्रमण ठीक हो रहा है।

लीवर फंक्शन टेस्ट (एलएफटी) में जांच होती है :

अल्ब्यूमिन - अल्ब्यूमिन लीवर के अंदुरुनी हिस्से द्वारा संश्लेषित एक प्रोटीन है, जो खनिज और रक्त में आवश्यक पोषक तत्वों को स्थानांतरित करने में मदद करता है। इस प्रोटीन का निम्न स्तर लीवर रोग का गंभीर संकेत है।

एंजाइम - लीवर द्वारा कई एंजाइमों को संश्लेषित किया जाता है, जिनमें से एएलपी हड्डी के विकास के लिए आवश्यक है, एएलटी प्रोटीन प्रोसेसिंग में सहायता करता है और एएसटी भोजन को ऊर्जा में बदलने में मदद करता है। हेपेटाइटिस से पीड़ित व्यक्ति के रक्त में इन एंजाइमों का स्तर अधिक होगा।

बिलीरुबिन - हेपेटाइटिस से पीड़ित व्यक्ति में इस पिगमेंट का स्तर उंचा होगा, जो कि पीलिया पैदा करने के लिए जिम्मेदार है। यह आरबीसी के टूटने के कारण उत्पन्न होता है।

ये भी पढ़े: भारत में 4 करोड़ लोग क्रोनिक हेपेटाइटिस बी संक्रमण से पीड़ित

Related Articles

Popular Posts

Photo Gallery

Images for fb1
fb1

STAY CONNECTED