दिलेर समाचार, नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के सीनियर नेता नितिन गडकरी के एक बयान पर सियासी पारा गरमा गया है. ईशा कोप्पिकर को बीजेपी में शामिल कराने के कार्यक्रम के दौरान नितिन गडकरी ने कहा कि सपने दिखाने वाले नेता लोगों को अच्छे लगते हैं, पर दिखाए हुए सपने अगर पूरे नहीं किए तो जनता उनकी पिटाई भी करती है. इसलिए सपने वही दिखाओ जो पूरे हो सकें. गडकरी ने कहा कि मैं सपने दिखाने वाले में से नहीं हूं, मैं जो बोलता हूं वो 100 फीसदी डंके की चोट पर पूरा करता हूं.
लोकसभा चुनाव से पहले नितिन गडकरी के इस बयान के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. गौर हो कि विपक्षी दल पीएम मोदी को सपनों के सौदागर का तमगा दे चुका है और अच्छे दिनों के नारे पर जमकर चुटकी ली जाती है. ऐसे में गडकरी के इस बयान पर राजनीतिक ड्रामा होना तय माना जा रहा है. 70वें गणतंत्र दिवस के मौके पर नितिन गडकरी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ गूफ्त-गू करते देखे गए थे, एक कार्यक्रम में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तारीफ भी की थी और इन सब के बाद सपने दिखाने वाले नेताओं की पिटाई का बयान गडकरी के लिए मुश्किलों का सबब बन सकता है.
N Gadkari: Sapne dikhane waale neta logon ko acche lagte hain,par dikhaye hue sapne agar pure nahi kiye to janta unki pitayi bhi karti hai.Isliye sapne wahi dikhao jo pure ho sakein....Mai sapne dikhane waale mein se nahi hu.Mai jo bolta hu wo 100% danke ki chot par pura hota hai pic.twitter.com/SRISZyCffS
— ANI (@ANI) January 27, 2019
ये पहला मौका नहीं है कि गडकरी के बयान पर बीजेपी को मुश्किलों का सामना करना पड़ा हो. तीन राज्यों में मिली हार के बाद नितिन गडकरी के बयान पर बवाल हुआ था. जब उन्होंने कहा था कि नेतृत्व को हार और विफलता की भी जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए. इशारों-इशारों में गडकरी ने कहा था कि कोई भी सफलता की तरह विफलता की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता है.
हालांकि नितिन गडकरी अपने पूर्व के विवादित बयानों को ठीकरा मीडिया पर फोड़ दिया था. एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि मीडिया का एक वर्ग है जो मेरे बयानों को गलत तरीके से पेश कर रहा है. अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले वक्त बीजेपी के नेता इस बयान को किस संदर्भ में लेते हैं.
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