दिलेर समाचार, पूर्णिमा मित्रा। मुंबई की एक प्राइवेट फर्म में कार्यरत सुनिधि को जब बिना वजह पति या बाॅस से डांट पड़ती तो वह कई दिनों तक उदास रहती। उसका मूड भी उखड़ा-उखड़ा सा रहता जिसकी वजह से कई बार उसकी प्रेस करते वक्त साड़ी जल जाती तो कभी खाना बनाते समय रोटी या सब्जी जल जाती।
पति या सहकर्मियों या फिर बाॅस से झड़प होने पर उसके साथ ही कार्यरत तरला सेठ, शाम के वक्त एक-दो घण्टे विंडोशाॅपिंग में जाकर, अपने आप को तरोताजा व प्रफुल्लित महसूस करती है। तरला के अनुसार उसके लिए विंडोशाॅपिंग करना तनाव मुक्ति का सबसे सरल व सस्ता समाधान है।
सिर्फ तरला ही नहीं, आज महानगरों में व्यस्त जीवन यापन करने वाले बहुत से स्त्राी पुरूषों के लिये विंडो शाॅपिंग करना एक शगल बनता जा रहा है। चैन्नई, बंगलौर, दिल्ली व मुंबई के कई बिजनेस काॅम्पलेक्स व दुकानों के डिस्प्ले विंडोज को इस प्रकार सेट किया गया है कि वहां से गुजरने वाले लोग आसानी से विंडो शाॅपिंग का आनंद ले सकें।
इन महानगरों में तो नौकरी व घर गृहस्थी के दोहरे बोझ से दबी महिलाएं, विंडो शाॅपिंग को एक वरदान की तरह मानती हैं कि उन्हें बिना कुछ खर्च किये ढेरों मनभावन सामग्री निहारने का मौका मिलता है। मनोचिकित्सकों के अनुसार, बहुत सी महिलायें ऊब, थकान, हताशा के निदान हेतु विंडो शाॅपिंग का सहारा लेती है। विंडो शाॅपिंग के दौरान मनचाही व मनभावन चीजें निहारना-परखना और उनकी कीमत के विषय में जानकारी मिलने से मन को संतुष्टि भी मिलती है। विंडो शाॅपिंग के दौरान चहल कदमी भी हो जाती है जिससे तनाव व अवसाद स्रावित करने वाले हाॅरमोन्स का घातक प्रभाव शरीर पर नहीं पड़ता।
इन सब फायदों के बावजूद विंडो शाॅपिंग करते वक्त कुछ बातों का अवश्य ध्यान रखें।
फ् विंडो शाॅपिंग करते वक्त कीमती ज्वैलरी पहनने का मोह न करें। विंडो शाॅपिंग करते वक्त छोटे बच्चों को साथ ले जाने से आप को परेशानी तो होगी और बच्चे भी अपने आप को सहज महसूस नहीं करेंगे।
फ्विंडो शाॅपिंग करते वक्त उन सामानों को खरीद न पाने की कुंठा न पालें वरना आप अवसाद की शिकार हो जायेंगी।
साथ ही कभी-कभार ही विंडो शाॅपिंग करने का प्रोग्राम बनायें। जरूरी कामों को टालकर विंडो शाॅपिंग में फिजूल अपना कीमती समय न गंवायें।
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