दिलेर समाचार, लखनऊ: यूपी पुलिस की बंदूक ने उस वक्त धोखा दे दिया, जब वह बदमाशों से भिड़ंत के लिए पूरी तरह तैयार थी. उत्तर प्रदेश के संभल में मुठभेड़ के दौरान बदमाशों की पुलिस घेराबंदी कर चुकी थी, मगर जैसे ही फायरिंग की बारी आई, बंदूक ने धोखा दे दिया और फायरिंग नहीं हो पाई. मगर मुठभेड़ जैसी स्थित में पुलिस के सामने बदमाशों को डराने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं था, इसलिए ऐसी स्थिति देख पुलिसवालों ने बदमाशों में दहशत पैदा करने के लिए बंदूक से फायरिंग के बदले मुंह से ही 'ठांय-ठांय' की आवाज निकालनी शुरू कर दी. दरअसल, यूपी के संभल में एनकाउंटर के दौरान अचानक पुलिस के रिवॉल्वर ने जवाब दे दिया. जब फायरिंग की बारी आई तो बंदूक में कुछ तकनीकी खराबी आ गई और वह जाम हो गया. जिसकी वजह से फायरिंग न होने की स्थिति देख पुलिसवालों ने बदमाशों को डराने के लिए मुंह से जोर-जोर से ठांय-ठांय की आवाज निकाली. इस मामले को लेकर एएसपी का कहना है कि ' मारो और घेरो जैसे शब्दों का इस्तेमाल बदमाशों पर मानसिक दवाब पैदा करने के लिए किया गया. साथ ही उन्होंने कहा कि कार्ट्रिज के फंसने की वजह से रिवॉल्वर में तकनीकी खामी आ गई थी.
हालांकि, बाद में बदमाश के पैर में पुलिसवाले ने गोली मारकर उसे घायल कर दिया और फिर गिरफ्तार भी. दोतरफा फायरिंग की घटना में एक पुलिसवाला भी घायल हो गया है. बताया जा रहा है कि दूसरे पुलिसवाले की गोली से बदमाश घायल हो गया, जिसकी वजह से उसे गिरफ्तार करने में पुलिसवालों को आसानी हुई.
गौरतलब है कि बीते दिनों लखनऊ में पुलिस की गोली से एप्पल के एरिया मैनेजर की हत्या के बाद यूपी पुलिस पर तमाम तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. इस घटना में विवेक तिवाली पर पुलिस कर्मी ने गोली चलाई थी, जिससे उसकी मौत हो गई थी. इस मामले ने जब तूल पकड़ा तो आनन-फानन में प्रशासन ने एक्शन लिया और आरोपी पुलिस वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की.
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