दिलेर समाचार, भगवान गणेश के जन्म के उपलक्ष्य में आज गणेश चतुर्थी मनाई जा रही है। इस दिन भगवान गणेश की मूर्ति को अपने घर में स्थापित किया जाता है और उनकी पूजा की जाती है।भगवान गणेश के जन्म के उपलक्ष्य में आज गणेश चतुर्थी मनाई जा रही है। इस दिन भगवान गणेश की मूर्ति को अपने घर में स्थापित किया जाता है और उनकी पूजा की जाती है। इस बार भगवान गणेश की पूजा के लिए केवल 2.33 घंटे ही शुभ हैं। दिल्ली के समय के मुताबिक यह समय सुबह 11 बजकर 5 मिनट से शुरु होगा और दोपहर में 1 बजकर 39 मिनट पर खत्म होगा। इस दौरान भगवान गणेश की पूजा या अनुष्ठान करवा सकते हैं। भगवान गणेश को सभी तरह के दुख दूर करने वाला माना जाता है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए इस दिन कई लोग व्रत भी रखते हैं। व्रत रखने वाले लोग इस दिन भगवान गणेश की व्रत कथा भी सुनते हैं। भगवान गणेश की कई तरह की जन्मकथा प्रचलित हैं। ऐसे में हम आपको ऐसे ही दो कहानियों से रूबरू करा रहे हैं।वराहपुराण और शिवपुराण में विनायक के जन्म को लेकर दो अलग-अलग कथाए हैं। वराहपुराण के मुताबिक भगवान शिव ने गणेशजी को पचंतत्वों से बनाया है। जब भगवान शिव गणेश जी को बना रहे थे तो उन्होंने विशिष्ट और अत्यंत रुपवान रूप पाया। इसके बाद यह खबर देवताओं को मिली। देवताओं को जब गणेश के रूप और विशिष्टा के बारे में पता लगा तो उन्हें डर सताने लगा कि कहीं ये सबके आकर्षण का केंद्र ना बन जाए। इस डर को भगवान शिव भी भांप गए थे, जिसके बाद उन्होंने उनके पेट को बड़ा कर दिया और मुंह हाथी का लगा दिया।
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