दिलेर समाचार, नई दिल्ली : दुनिया की प्रभावशाली महिला नेताओं में से एक बेनजीर भुट्टो की हत्याई को आज 10 साल हो गए हैं। आज ही के दिन रावलपिंडी में एक चुनावी रैली में आत्मीघाती हमले में उनकी हत्या कर दी गई थी। हमलावर ने पहले उन्हेंे करीब से गोली मारी और फिर खुद को उड़ा दिया।
बेनजीर की हत्याा को 10 साल बीत गए हैं, पर उनकी हत्यात की गुत्थी आज भी अनसुलझी है। हालांकि कहा जाता है कि रावलपिंडी में बेनजीर पर हुआ हमला पाकिस्तालनी तालिबान ने कराया था। इस बीच, हत्याक के आरोप कभी परवेज मुशर्रफ तो कभी बेनजीर के पति आसिफ अली जरदारी पर लगते रहे, पर सच्चाभई आज तक सामने नहीं आ पाई। आरोप-प्रत्याेरोप के बीच अब तक कोई ऐसा सबूत सामने नहीं आया, जिससे बेनजीर हत्यााकांड की गुत्थीत सुलझ सके।
'बीबीसी' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान पुलिस की कभी मंशा ही नहीं रही कि वे असली दोषियों को पकड़ें। दरअसल, पूरे मामले में एक तरह से लीपापोती की गई। इसका पता इससे भी चलता है कि बेनजीर पर हमला करने वाले की जिन दो लोगों ने मदद की थी, उन्हेंप भी बाद में गोली मार दी गई। जरदारी की सरकार के एक वरिष्ठच मंत्री ने तब इसे मुठभेड़ बताया था।
बेनजीर के सुरक्षा गार्ड खालिद शहंशाह को भी कराची में उनके घर के बाहर 22 जुलाई, 2008 को गोली मार दी गई। इस हत्याकांड से जुड़े सरकारी वकील चौधरी जुल्फिकार अली की भी 3 मई, 2013 को इस्लामाबाद की एक सड़क पर गोली मार दी गई।
रावलपिंडी में 27 दिसंबर, 2007 को जब बेनजीर पर हमला हुआ था, तब मुशर्रफ पाकिस्तीन के राष्ट्र पति थे। बाद में एक साक्षात्का र के दौरान उन्होंंने इस आशंका से इनकार नहीं किया था कि बेनजीर की हत्या में पाकिस्तान के सत्ताे प्रतिष्ठा नों की मिलीभगत हो सकती है।
मुशर्रफ खुद भी बेनजीर की हत्याइ मामले में आरोपों का सामना कर रहे हैं। आरोप है कि उन्होंकने बेनजीर को सुरक्षा मुहैया कराने में लापरवाही बरती, क्योंंकि वह नहीं चाहते थे कि बेनजीर, जो पिछले 8 सालों से निर्वासन में रह रही थीं, पाकिस्ताहन लौटें।
बेनजीर के बेटे बिलावल भुट्टो ने भी मुशर्रफ को अपनी अम्मील की हत्याह के आरोपों के घेरे में रखा है। लेकिन मुर्शरफ सभी आरोपों से इनकार करते हैं। बीते दिनों उन्होंैने बेनजीर हत्याोकांड के लिए उनके पति आसिफ अली जरदारी को जिम्मेोदार ठहराया था। उनका कहना है कि बेनजीर की हत्या से सबसे बड़ा फायदा जरदारी को ही हुआ और वह पाकिस्ताीन के राष्ट्र पति बन गए।
पाकिस्ताीन के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार में जन्मी बेनजीर देश के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो की बेटी थीं और सिर्फ 35 साल की उम्र में देश की प्रधानमंत्री बन गई थीं। वह पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि किसी भी मुस्लिम देश में सत्ताग की बागडोर थामने वाली पहली महिला थीं।
भुट्टो परिवार के राजनीतिक सफर को आगे बढ़ाने वाली बेनजीर ने हार्वर्ड और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी की थी। पाकिस्तान में आधुनिक नेता के तौर पर पहचान कायम करने वाली बेनजीर ने 1988-90 और 1993-96 में दो बार देश के प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली।
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