दिलेर समाचार, गाजियबाद. प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार को लेकर सख्ती बरत रही है. ऐसे मामले में तुंरत कार्रवाई हो रही है. ताजा मामला गाजियाबाद जिला जेल में पूर्व में तैनात एक डाक्टर है. गाजियाबाद जिला कारागार में तैनाती के दौरान पैसा लेकर बंदियों को जांच में सुविधा देने के आरोप है. इस आराेप में शासन ने एमएमजी अस्पताल के ईएमओ (इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर) को निलंबित कर दिया है. उनके निलंबन का आदेश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पास पहुंच गया है. गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इस प्रकरण की जांच अब मेरठ मंडल के अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को सौंपी गई है. रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई होगी.
शासन की ओर से जारी निलंबन आदेश में कहा गया है कि डॉ. नितिन प्रियदर्शी गरीब बंदियों की परेशानी पर ध्यान नहीं देते थे. साथ ही उनके खिलाफ उच्चाधिकारियों के आदेशों का अनुपालन नहीं करने और ड्यूटी से अक्सर बिना बताए अनुपस्थित रहने की शिकायतें भी हैं. उनके खिलाफ जांच चल रही थी. जांच में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है.
वहीं, दूसरी ओर डॉ. प्रियदर्शी के अनुसार उन्हें निलंबन की जानकारी नहीं मिली है. हालांकि एमएमजी अस्पताल के सीएमएस डॉ. मनोज चतुर्वेदी ने निलंबन की पुष्टि की है. उनका कहना है कि देर रात उन्हें ई-मेल के जरिए इसकी सूचना मिल गई है. उनको तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. जांच के बाद आगे की कारवाई होगी.
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