दिलेर समाचार, नई दिल्ली. केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Dy CM Manish Sisodia) रविवार को सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पहुंचे. इस दौरान केजरीवाल ने कहा, 'हमारे किसान पिछले 32 दिनों से ठंड के बीच सड़कों पर रहने को मजबूर हैं. क्यों? इससे मुझे दुख होता है कि अब तक 40 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. मैं केंद्र सरकार से उनकी बात सुनने और कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपील करता हूं.' इसके अलावा केजरीवाल ने कहा, 'मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं, इनकी बातें सुनकर कृषि के तीनों कानूनों को वापस ले लीजिए. किसानों को राष्ट्रद्रोही कहा जा रहा है, अगर किसान राष्ट्रद्रोही हो गया तो तुम्हारा पेट कौन भरेगा? किसानों की खेती चली गई तो किसान कहां जाएगा? किसानों के पास क्या बचेगा?'
बहरहाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा समेत अन्य राज्यों के किसान केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले काफी दिनों से सिंघु बॉर्डर पर जमे हुए हैं. सिंघु बॉर्डर पर डेरा डाले हुए किसानों की मांग है कि तीन नए कृषि कानून किसान विरोधी हैं, लिहाजा केंद्र सरकार इनको रद्द करे. एक महीने में अरविंद केजरीवाल दूसरी बार सिंघु बॉर्डर पहुंचे हैं. इससे पहले उन्होंने 8 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) जाकर आंदोलनरत किसानों से मुलाकात की थी. इस दौरान सीएम ने एक सेवादार की तरह उनकी सेवा करने की बात कही थी.
सिंघु बॉर्डर पर किसानों के बीच अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार आरोप लगा रही है कि किसानों को गुमराह किया जा रहा हैं. मैं केंद्र सरकार को चुनौती देता हूं, केंद्र सरकार अपने सबसे बड़े नेता को लेकर आ जाए और हमारे किसान नेता आ जाएं और पब्लिक में चर्चा हो जाए, पता चल जाएगा किसको कितनी जानकारी है.
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