दिलेर समाचार, नई दिल्ली. दिल्ली नगर निगम (MCD Elections 2022) के अप्रैल माह में होने वाले चुनावों को फिलहाल टाल दिया गया है. लेकिन इसको लेकर सियासत पूरी तरह से परवान चढ़ी हुई है. इस सियासत के बीच अब केंद्रीय कैबिनेट ने तीनों दिल्ली नगर निगमों को एक करने के लिए कैबिनेट प्रस्ताव पास कर दिया है. इसको पास करने के लिए अब बजट सत्र में विधेयक लाया जाएगा. इस प्रस्ताव के पारित करने के बाद अब भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच इस मुद्दे पर टकराव होने की प्रबल संभावना जताई जा रही है.
इस बीच देखा जाए तो आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) केंद्र में शासित भाजपा सरकार (BJP-led Government) पर पूरी तरह से हमलावर है. वहीं उस पर डर की वजह से चुनावों को टाले जाने को लेकर लगातार आरोप लगाए जा रहे हैं. इसको लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) पूरी दिल्ली में भाजपा (BJP) के खिलाफ पोस्टरबाजी भी खूब कर रही है.
सूत्र बताते हैं कि दिल्ली की तीनों नगर निगमों को एक करने के लिए अगले सप्ताह प्रस्ताव संसद में लाया जाएगा. साथ ही इस पर भी चर्चा जोर शोर से है कि निगमों को एकीकरण के बाद निगम वार्डों की संख्या 272 की जगह 136 या फिर 200 कर दी जाएगी.
बताते चलें कि राज्य चुनाव आयोग को 18 मई तक एमसीडी चुनाव कराने हैं. इस बीच केंद्र सरकार ने तीनों निगमों को एक करने का फैसला ले लिया है और कैबिनेट ने प्रस्ताव भी पास कर दिया गया है. आयोग को चुनाव कराने के लिए कम से कम 29 से 30 दिन पहले चुनावों की घोषणा करनी होती है. केंद्र के हस्तक्षेप और एलजी से प्रस्ताव मिलने के बाद आयोग भी यह साफ कर चुका है कि अभी चुनावों को कराने के लिए उसके पास काफी वक्त है. नए निगम का गठन 18 मई से पहले करना है. इस तरह की व्यवस्था के बीच अब मौजूदा निगम पार्षदों के कार्यकाल को भी बढ़ाने का कोई औचित्य नहीं समझा जा रहा है.
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