Logo
April 27 2024 07:56 AM

ओली सरकार को लगा बड़ा झटका, UN में नहीं चली नेपाल की नक्शे'बाजी'

Posted at: Aug 2 , 2020 by Dilersamachar 10023

दिलेर समाचार, नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations) ने कहा है कि अधिकारिक कामकाज के लिए संस्था न तो नेपाल (Nepal) के नए विवादित नक्शे को स्वीकार करेगी और ना ही मान्यता देगी. दरअसल नेपाल ने इस वर्ष जो नया राजनीतिक नक्शा तैयार किया है उस नक्शे में उसने भारत के हिस्से वाली लिंपियाधुरा, लिपुलेख और काला पानी को नेपाल का हिस्सा बताया है. जबकि इन क्षेत्रों पर भारत का दावा है और भारत पहले ही साफ कर चुका है कि वो ऐसे किसी नक्शे को स्वीकार नहीं करेगा, जिसके ऐतिहासिक प्रमाण नहीं होगे. 

वहीं संयुक्त राष्ट्र (UN) ने ये भी कहा कि वो प्रशासनिक कार्यों के लिए इस क्षेत्र से संबंधित भारत, पाकिस्तान, या चीन के नक्शे का इस्तेमाल भी नहीं करेगा. प्रतिक्रिया में ये भी कहा कि जब भी नेपाल ऐसे किसी मामले को सदन में रखेगा तो सिर्फ कूटनीतिक प्रोटोकाल ही स्वीकार किए जाएंगे.

नेपाल सरकार जल्द ही अपने नए संशोधित नक्शे को अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भेजने वाली है. जिसमें भारतीय क्षेत्रों को नेपाल में दर्शाया गया है और इसी संदर्भ में न्यूयॉर्क स्थित वैश्विक संस्था का ये बयान काफी अहम माना जा रहा है. जिसमें साफ किया गया है कि उसकी वेबसाइट तक में नेपाल के दावे को कोई जगह नहीं मिलेगी. दरअसल इसकी वजह ये है कि यूएन अपने सभी नक्शों को वैधानिक चेतावनी (Disclamer) के साथ जारी करता है और यूएन मैप्स (UN Maps) डिस्क्लेमर में साफ लिखा है कि, "नक्शे में दिखाई गई सीमा और लिखे गए नाम और पदवी, संस्था की ओर से किया जाने वाला प्रचार नहीं है"  और न ही ऐसे किसी प्रचार को यूएन स्वीकार करता है.

 नए नेपाली नक्शे में भारतीय क्षेत्र लिंपियाधुरा (Limpiyadhura), लिपुलेख (Lipulekh) और कालापानी (Kalapani) को अपनी सीमा में दिखाया गया है और भारत इसे सिरे से खारिज कर चुका है. नई दिल्ली के मुताबिक इसके पहले के किसी भी नेपाली नक्शे में ये क्षेत्र उसकी सीमा में नहीं थे, इससे साफ है कि नेपाल की सरकार किसी दबाव में काम रही है.

 नेपाल की केपी शर्मा ओली की अगुवाई वाली सरकार ने,संविधान में बदलाव करते हुए हाल ही में नये राजनीतिक नक्शा को मंजूरी दी थी. भारतीय विदेश मंत्रालय( MEA) के प्रवक्ता अनुरान श्रीवास्तव ने कहा है कि नेपाल का नया नक्शा ऐतिहासिल तथ्यों और सबूतों पर आधारित नहीं है, इसलिए इसे कभी भी स्वीकार नहीं किया जाएगा.और तभी से दोनों देशों की सरकारों के बीच कड़वाहट बनी हुई है.

ये भी पढ़े: अमिताभ ने दी कोरोना को मात, रिपोर्ट आई नेगटिव , पहुंचे अपने घर

Related Articles

Popular Posts

Photo Gallery

Images for fb1
fb1

STAY CONNECTED