दिलेर समाचार, नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) अपने मासिक रेडियो शो ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) के 102वें संस्करण को संबोधित किया. मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आमतौर पर ‘मन की बात’ हर महीने के आखिरी रविवार को आपके पास आती है, लेकिन इस बार यह एक हफ्ते पहले हो रही है. आप सभी जानते हैं, मैं अगले हफ्ते अमेरिका में रहूंगा और वहां कार्यक्रम काफी व्यस्त होने वाला है, और इसलिए मैंने सोचा कि मैं जाने से पहले आपसे बात कर लूं, इससे बेहतर क्या हो सकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बहुत से लोग कहते हैं कि प्रधान मंत्री के रूप में मैंने कुछ अच्छा काम किया है, या कोई और महान काम किया है. मन की बात के अनेक श्रोता उनके पत्रों में प्रशंसा की बौछार करते हैं. कुछ कहते हैं कि एक विशेष कार्य किया गया था. अन्य अच्छी तरह से किए गए कार्य का उल्लेख करते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि अभी दो-तीन दिन पहले हमने देखा कि देश के पश्चिमी हिस्से में कितना बड़ा चक्रवात आया… तेज हवाएं, भारी बारिश. कच्छ में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय ने भारी तबाही मचाई है. लेकिन कच्छ के लोगों ने जिस साहस और तैयारी के साथ इतने खतरनाक चक्रवात का मुकाबला किया, वह भी उतना ही अभूतपूर्व है.
पीएम मोदी ने कहा कि ‘साथियों, भारत लोकतंत्र की जननी है, Mother of Democracy है. हम, अपने लोकतांत्रिक आदर्शों को सर्वोपरि मानते हैं, अपने संविधान को सर्वोपरि मानते हैं, इसलिए, हम 25 जून को भी कभी भुला नहीं सकते. यह वही दिन है जब हमारे देश पर इमरजेंसी थोपी गई थी. यह भारत के इतिहास का काला दौर था. लाखों लोगों ने इमरजेंसी का पूरी ताकत से विरोध किया था. लोकतंत्र के समर्थकों पर उस दौरान इतना अत्याचार किया गया, इतनी यातनाएं दी गईं कि आज भी, मन, सिहर उठता है. इमरजेंसी के दौरान छपी इस पुस्तक में वर्णन किया गया है, कि कैसे, उस समय की सरकार, लोकतंत्र के रखवालों से क्रूरतम व्यवहार कर रही थी. कुछ दिनों पहले ही इमरजेंसी पर लिखी एक और किताब मेरे सामने आई जिसका शीर्षक है- Torture of Political Prisoners in India. मैं चाहूंगा कि आज जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो, देश की आजादी को खतरे में डालने वाले ऐसे अपराधों का भी जरुर अवलोकन करें. इससे आज की युवा पीढ़ी को लोकतंत्र के मायने और उसकी अहमियत समझने में और ज्यादा आसानी होगी.’
ये भी पढ़े: संजय राउत ने UN को लिखा पत्र, की 20 जून को 'गद्दार दिवस' घोषित करने की मांग
Copyright © 2016-24. All rights reserved. Powered by Dilersamachar