दिलेर समाचार, नई दिल्ली. संसद के बजट सत्र (Parliament Budget Session 2022) के दौरान लोकसभा (Lok Sabha) में बुधवार को प्रश्नकाल (Question Hour) के दौरान तमिल और हिंदी को लेकर जबरदस्त बहस छिड़ी. यह बहस विपक्ष और ट्रेजरी बेंच के बीच हुई जब तमिल में एक सवाल पूछा गया था. दरसअल प्रश्नकाल के दौरान डीएमके सांसद ए गणेशमूर्ति एफडीआई संबंधी एक सवाल तमिल में पूछा था. इस पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि वह गणेशमूर्ति के सवाल का कुछ हिस्सा सुन नहीं पाए. उन्होंने यह जानना चाहा कि गणेशमूर्ति किस प्रोजेक्ट की बात कर रहे हैं. यहीं से ये बहस शुरू हुई.
डीएमके सदस्य ने कहा, ‘अगर मैं अंग्रेजी में प्रश्न पूछता हूं, तो मंत्रियों को केवल अंग्रेजी में जवाब देना चाहिए. एक सदस्य तमिल में एक प्रश्न पूछता है और मंत्री हिंदी में जवाब देता है.’ ए गणेशमूर्ति की इस टिप्पणी पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने जवाब दिया कि वह हिंदी में जवाब दे सकते हैं जबकि सदस्य के लिए अनुवाद उपलब्ध है.
इस दौरान कुछ अन्य लोकसभा सदस्य भी हंगामा कर रहे थे. वे मंत्रियों की ओर से अंग्रेजी में पूछे गए सवालों के हिंदी में जवाब देने का मुद्दा उठाने की मांग कर रहे थे. हाल के दिनों में सदन में ऐसे उदाहरण सामने आए हैं जब विपक्षी सदस्यों, विशेषकर दक्षिणी राज्यों के सदस्यों ने इस तरह की प्रवृत्ति का विरोध किया है.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस मामले में गणेशमूर्ति से अपना प्रश्न दोहराने के लिए कहा और उन्होंने फिर अपना सवाल तमिल में ही पूछा. इस बात से नाराज पीयूष गोयल ने लोकसभा अध्यक्ष से इस पर निर्णय लेने के लिए कहा कि क्या कोई नियम है कि किसी भाषा में पूछे गए प्रश्न का उत्तर उसी भाषा में दिया जाना चाहिए?
मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ‘मैं हिंदी में जवाब दूंगा. मैंने तमिल में पूछे गए सवाल का अनुवाद भी सुना है.’ फिर जैसे ही गणेशमूर्ति ने फिर से इस मुद्दे को उठाया तो लोकसभा अध्यक्ष मुस्कुराए और उनसे हेडफोन लगाने के लिए कहा. जब दूसरे पूरक प्रश्न पूछने की बारी गणेशमूर्ति की थी, तो उन्होंने कहा कि वह केवल तमिल में पूछेंगे और प्रश्न किया.
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