दिलेर समाचार, लोकसभा में बुधवार का दिन ऐतिहासिक रहा और सिर्फ विपक्ष में 2 वोट पड़ने के बाद महिला आरक्षण बिल यानी ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ 454 वोटों के साथ बहुमत से पारित हो गया. हर कोई महिला आरक्षण बिल की तारीफ कर रहा है और उन दो सांसदों की बात भी कर रहा है जिन्होंने इस बिल के खिलाफ मतदान किया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, असदुद्दीन ओवैसी और इम्तियाज जलील ने बिल के खिलाफ वोट किया, क्योंकि AIMIM ने बिल का विरोध किया था. इतना ही नहीं ओवैसी बिल के पारित होने के बाद कह भी चुके हैं कि उन्होंने इसके खिलाफ वोटिंग की थी. वहीं अपनी बहस के दौरान औवैसी ने कहा था कि यह बिल केवल सवर्ण महिलाओं की भागीदारी को सुविधाजनक बनाएगा.
इस बिल को लोकसभा से मंजूरी मिलने के बाद संसद के निचले सदन और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान शामिल है. इससे संबंधित ‘संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर करीब आठ घंटे की चर्चा के बाद लोकसभा ने 2 के मुकाबले 454 वोट से अपनी मंजूरी दी. सदन में कांग्रेस, सपा, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने विधेयक का समर्थन किया. हालांकि असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने विधेयक का विरोध किया. सदन में ओवैसी समेत एआईएमआईएम के दो सदस्य हैं. विधेयक पारित किए जाने के दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मौजूद थे. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विधेयक पर चर्चा की शुरुआत की. राहुल गांधी, गृह मंत्री अमित शाह, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी समेत कुल 60 सदस्यों ने इस विधेयक पर चर्चा में भाग लिया. इनमें 27 महिला सदस्य शामिल हैं
असदुद्दीन ओवैसी का जन्म 13 मई 1969 को हुआ. वह जो ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष हैं. वह हैदराबाद लोकसभा सीट से सांसद है और पिछले तीन बार से चुनाव जीत रहे हैं. ओवैसी ने 1994 में आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव से अपनी राजनीतिक की शुरुआत की थी. चारमीनार निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ते हुए, जहां से उनकी पार्टी वर्ष 1967 से जीत रही थी. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी मजलिस बचाओ तहरीक के उम्मीदवार को 40 हजार वोटों के अंतर से हराया था. 2004 के चुनाव में सैयद अहमद पाशा क़ादरी उनके उत्तराधिकारी बने और निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा के सदस्य बने.
सय्यद इम्तियाज जलील का जन्म 10 अगस्त 1968 को हुआ. वह ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के सदस्य हैं. 2014 में उन्होंने महाराष्ट्र की औरंगाबाद सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इसके बाद पार्टी ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में टिकट दिया. जलील ने वर्ष 2019 में औरंगाबाद लोकसभा सीट से भी जीत हासिल की.
ओवैसी ने कहा कि संसद में कम प्रतिनिधित्व वाली ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं को कोई कोटा क्यों नहीं दिया जा रहा है. ओवैसी ने कहा, ‘मैं इस कानून का विरोध करता हूं…’ विधेयक के लिए जो औचित्य दिया जा रहा है वह यह है कि अधिक महिलाएं संसद में निर्वाचित होंगी. यदि यही औचित्य है, तो उस औचित्य को ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं तक क्यों नहीं बढ़ाया जा रहा है.
ओवैसी ने कहा कि हम जानते हैं कि मुस्लिम महिलाएं आबादी का 7 प्रतिशत है, लेकिन इस लोकसभा में उनका प्रतिनिधित्व केवल 0.7 प्रतिशत है. ओवैसी ने कहा कि केन्द्र सरकार सवर्ण महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाना चाहती है. वह ओबीसी महिलाओं और मुस्लिम महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व नहीं चाहते हैं. लोकसभा में 690 महिला सांसद चुनी गई हैं और उनमें से केवल 25 मुस्लिम समुदाय से आई हैं. उन्होंने कहा कि मैंने सुना है कि धार्मिक आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता? 1950 का राष्ट्रपति आदेश क्या है? इस आरक्षण में आरक्षण से इनकार करके आप मुस्लिम महिलाओं को धोखा दे रहे हैं.
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