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April 26 2024 03:07 PM

आज लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ तीसरी बार पेश होगा अविश्वास प्रस्ताव

Posted at: Mar 20 , 2018 by Dilersamachar 9522

दिलेर समाचार, नई दिल्ली: संसद में तीसरे सप्ताह भी गतिरोध बना हुआ है और इस बीच तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) व वाईएसआर कांग्रेस द्वारा अविश्वास प्रस्ताव के लिए दी गई नोटिसों पर सोमवार को चर्चा शुरू नहीं हो सकी. इससे पहले शुक्रवार को नोटिस दिया गया था और मंगलवार को दोनों पार्टियां एक बार फिर से अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर नोटिस देंगी. सोमवार को लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि सदन में व्यवस्था नहीं होने के कारण अविश्वास प्रस्ताव को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता. वहीं सदन में मौजूद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार है और सभी दल सहयोग दें. 
 


सरकार ने राज्‍यसभा में फाइनेंस बिल भी लिस्‍टेड किया है, जबकि 11 दिनों से हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही नहीं चल सकी है. इससे पहले सरकार इस बिल को लोकसभा में हंगामे के बावजूद पास करा चुकी है. सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही  एक घंटे स्थगित होने के बाद सदन की बैठक दोपहर 12 बजे दोबारा शुरू हुई. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रस्ताव के नोटिस सदन पटल पर रखने को कहा, ताकि इस पर चर्चा शुरू की जा सके. प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए इसे कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन होना चाहिए. लेकिन जैसा कि पिछले दो सप्ताह से हो रहा है. ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) और टीआरएस सदस्यों ने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी और वे अध्यक्ष के आसन के पास इकट्ठा हो गए.

कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), समाजवादी पार्टी, एआईएमआईएम और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सहित कई विपक्षी दलों ने इन नोटिसों पर अपना समर्थन जताया. लोकसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से खड़े होने को कहा, ताकि प्रस्ताव के समर्थक सदस्यों को गिना जा सके. इस दौरान टीआरएस और अन्नाद्रमुक के सांसद हाथों में तख्तियां लिए लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास इकट्ठा हो गए. महाजन ने कहा कि जो लोग खड़े हैं, वह उन्हें नहीं गिन पा रही हैं. उन्होंने कहा, "कृपया अपनी-अपनी सीटों पर जाएं. यदि सदन व्यवस्थित नहीं है तो ऐसे में मैं नोटिसों पर चर्चा शुरू नहीं करा सकती." इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए तैयार है. राजनाथ ने कहा, "हम किसी भी तरह की चर्चा के लिए तैयार हैं. हम अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए भी तैयार हैं. मैं सभी राजनीतक दलों से सहयोग की अपील करता हूं."

केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले संवाददाताओं को बताया, "हम अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए तैयार हैं, क्योंकि सदन में हमारे पास समर्थन है. हम आश्वस्त हैं." तेदेपा के सांसद थोटा नरसिम्हन ने कहा कि पार्टी सदस्य पहले सदन में प्रस्ताव पेश करने पर जोर देंगे. उन्होंने कहा कि तेदेपा ने तृणमूल, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सहित विपक्षी दलों से बात कर ली है.

 

तेदेपा के एक अन्य सांसद आर.एम.नायडू ने कहा कि वे संसद में यथासंभव विपक्षी दलों का समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं, यह जानते हुए कि सरकार के पास पर्याप्त संख्या होने की वजह से यह अविश्वास प्रस्ताव गिर जाएगा. नायडू ने कहा, "सभी राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी है कि वे हमारा समर्थन करें. हम इस पर यथासंभव समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि इस पर चर्चा हो सके. हम सरकार गिराने की कोशिश नहीं कर रहे हैं."

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