दिलेर समाचार, नई दिल्लीः अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है. अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि आर्मेनिया के नियंत्रण वाले नागोर्नो-काराबाख में तोपखानों से समर्थन देते हुए अपने सैनिकों को भेजा हुआ है. साथ ही इसे एक आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन बताया. अजरबैजान ने चेतावनी देते हुए कहा है कि जब तक आर्मेनियाई सेना आत्मसमर्पण नहीं करती तब तक उसका अभियान नहीं रुकेगा. अजरबैजान की तरफ से सैन्य आक्रमण शुरू करने से पहले उसके चार सैनिकों की मौत हो गई. वहीं दो आम नागरिक लैंडमाइन की चपेट में आने से मारे गए. अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी.
कथित तौर पर अजरबैजान बलों ने विवादित नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र में अर्मेनियाई ठिकानों पर गोलीबारी की है. इस बीच, जातीय अर्मेनियाई अधिकारियों ने दावा किया कि क्षेत्र की राजधानी के आसपास भारी तोपखाने की गोलीबारी में कम से कम दो नागरिक मारे गए और 11 घायल हो गए. आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच वर्षों से तनाव व्याप्त है. न्यूज एजेंसी एएफपी ने जातीय अर्मेनियाई अधिकारियों के हवाले से बताया कि क्षेत्र की राजधानी में भारी तोपखाने की गोलीबारी में कम से कम दो नागरिक मारे गए, जबकि 11 अन्य घायल हो गए.
अजरबैजान मंत्रालय ने कहा कि अर्मेनिया के सशस्त्र बलों के खिलाफ और सैन्य संपत्तियों पर हाई-टेक्नोलॉजी वाले हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके अलावा मंत्रालय ने यह भी बताया कि केवल वैध सैन्य लक्ष्यों पर हमला किया गया था. वहीं नागोर्नो-काराबाख मानवाधिकार लोकपाल ने कहा कि अजरबैजान की सेना के हमलों में 2 नागरिक मारे गए और 23 घायल हो गए है. अजरबैजान के इस सैन्य आक्रमण को रोकने के लिए आर्मेनिया के विदेश मंत्रालय ने नागोर्नो-काराबाख में तैनात रूसी शांति सेना से हस्तक्षेप करने की मांग की है.
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