दिलेर समाचार, सीमा सुरक्षा बल ने जम्मू में अपने एक जवान की हत्या और उनका गला रेतने के मामले में अपने पाकिस्तानी समकक्षों के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया और पाक रेंजर्स को कहा कि ऐसा कृत्य ‘ सैनिकों को शोभा’ नहीं देता है।
सरकारी सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि सीमा पर माहौल ‘तनावपूर्ण’ है और भारत-पाक सरहद के इस क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी किया गया है।
सूत्रों ने कहा कि दोपहर में फोन पर सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों से फोन पर बात करते हुए पाकिस्तानी पक्ष ने 18 सितंबर को हेड कांस्टेबल नरेंद्र सिंह की हत्या में ‘किसी तरह से हाथ’ होने से इनकार किया।
भारतीय पक्ष ने इसे ऐसा कृत्या बताया है जो ‘सैनिक को शोभा’ नहीं देता है।उन्होंने कहा कि सूचित किया गया कि पाकिस्तानी सैनिकों ने बीएसएफ के जवान की गोली मारकर हत्या की है।
सूत्रों ने बताया कि यह प्रतिक्रिया पाकर बीएसएफ ने अन्य पक्ष को कहा कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर भविष्य में होने वाली किसी भी घटना के लिए पाक रेंजर्स जिम्मेदार होंगे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘ आज दोपहर दोनों पक्षों के बीच फोन पर संक्षिप्त बात हुई। जब पाकिस्तान के संज्ञान में लगाया गया कि उन्होंने बिना उकसावे के गोलीबारी करके जवान की हत्या कर दी है तो उन्होंने घटना में अपने सैनिकों का हाथ होने से साफ-साफ इनकार कर दिया है।’’।
बीते तीन दिनों में बीएसएफ ने जवान की हत्या करने और गला रेतने पर अपने समकक्षों के समक्ष दूसरी बार विरोध जताया है। यह जवान सात अन्य के साथ रामगढ़ सेक्टर में सीमा बाड़ से आगे सरकंडे काटने के लिए गए थे।
अधिकारी ने कहा कि बल ने इस घटना की पृष्ठभूमि में जम्मू में 192 किलोमीटर लंबी सीमा के सभी अग्रिम इलाकों में हाई अलर्ट जारी किया है। ऐसा संदेह है कि इस घटना को दूसरे पक्ष के दो सैनिकों ने अंजाम दिया है।
उन्होंने कहा कि जम्मू में सीमा के सभी स्थानों पर बल हेलीकॉप्टर और ड्रोनों की गतिविधियों पर नजर रख रहा है। इसलिए सीमा चौकियों और गश्ती दलों से अतिरिक्त सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है।अधिकारियों ने बताया कि बल ने जम्मू में दोनों पक्षों के बीच सेक्टर कमांडर स्तर (डीआईजी स्तर) की वार्ता की मांग की है लेकिन सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली।
उन्होंने कहा कि बल को सीमा पार से ‘फर्जी कॉलें’ आ रही है जिसमें लोग सरकार के खुफिया कर्मी या पत्रकार बनकर घटना का विवरण मांग रहे हैं।अधिकारियों ने बताया कि बीते दो दिनों में क्षेत्र अधिकारियों के निजी और आधिकारिक नम्बरों पर एक दर्जन से ज्यादा इस तरह की कॉलें आ चुकी हैं और ऐसा संदेह है कि कॉलें सीमा पार से की जा रही हैं।
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