दिलेर समाचार, नई दिल्ली: आईसीआईसीआई बैंक के मामलों के जानकारों कहना है कि बैंक का पूरा बोर्ड अब इस बात से इत्तेफाक नहीं रखता कि बैंक की सीईओ चंदा कोचर को पद पर रहने दिया जाए या नहीं. बता दें कि दो हफ्ते पहले बोर्ट ने कोचर पर पूरा विश्वास जताया था. लेकिन अब कहा जा रहा है कि कुछ निदेशकों ने आपत्ति के स्वर उठाए हैं. बताया जा रहा है कि ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार कुछ बाहरी निदेशकों ने कोचर के रोल को जारी रखने का विरोध किया है. नाम न जाहिर करने इन लोगों ने यह बात कही है. कोचर का वर्तमान कार्यकाल 31 मार्च 2019 को समाप्त हो रहा है.
28 मार्च को फाइल किए गए क्रेडिट अप्रूवल प्रोसेस को बोर्ड के 12 सदस्यों ने सही पाया था. फाइलिंग में बोर्ड की अध्यक्षता चेयरमैन एमके शर्मा की थी और कहा था कि किसी प्रकार की कोई तरफदारी नहीं की गई है और कोचर पर पूरा भरोसा है.
आईसीआईसीआई के बोर्ड में 9 स्वतंत्र निदेशक हैं, इनमें बैंक के चेयरमैन, एलआईसी के प्रमुख (एलआईसी के पास 9.4 प्रतिशत शेयर हैं) भी शामिल हैं. बता दें कि चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन समूह में बिजनेस डील हुई थी. इस डील के बाद बैंक से वीडियोकॉन ग्रुप को लोन दिया गया है. इस केस में सीबीआई की प्राथमिक जांच जारी है.
जब बोर्ड में ऐसे मतविभाजन पर आईसीआईसीआई के प्रवक्ता से पूछा गया तो उनका कहना था कि आपकी जानकारी पूरी तरह से निराधार और गलत है. आज सुबह शेयर बाजार में आईसीआईसीआई के शेयर 1.8 प्रतिशत नीचे थे. इससे पहले भी बैंक के शेयर 2.2 प्रतिशत गिर चुके हैं.
सीबीआई इस मामले को लेकर के चंदा कोचर के देवर को भी हिरासत में ले चुकी है. बता दें कि बोर्ड कुछ दिन पहले साफ कर चुका था कि वो इस मामले में पूरी तरह से कोचर के साथ है और यह उन पर निर्भर करेगा कि वो इस पद पर बनी रहेंगी या नहीं.
ये भी पढ़े: टीना डाबी और आमिर की लव स्टोरी, सुबह मिले और शाम तक हो गया प्यार
Copyright © 2016-24. All rights reserved. Powered by Dilersamachar