दिलेर समाचार, नई दिल्ली. इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का आगाज 2008 में हुआ था और इसकी नीलामी का सबसे बड़ा नाम थे- महेंद्र सिंह धोनी. धोनी (MS Dhoni) ने आईपीएल के आगाज से महज एक साल पहले यानी 2007 में भारत को आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप (ICC T20 World Cup 2007) में खिताबी जीत दिलाई थी. इसके बाद 2008 की आईपीएल नीलामी में धोनी शामिल हुए और सबसे महंगे भी बिके. धोनी को चेन्नई सुपर किंग्स ने 1.5 मिलियन डॉलर (9.5 करोड़ रुपये) में खरीदा था. धोनी को खरीदने के लिए मुंबई इंडियंस (MI) और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के बीच कड़ा मुकाबला था, लेकिन मुंबई के पर्स में इतने पैसे नहीं बचे थे.
इस नीलामी में केवल मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स ही धोनी को नहीं खरीदना चाहते थे. अन्य टीमें भी धोनी के लिए लालायित थीं. 2008 से 2018 तक आईपीएल ऑक्शनर रहे रिचर्ड मैडले ने हाल ही में यह रहस्योद्घाटन किया कि रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) ने भी धोनी के लिए बोली लगाई थी. हालांकि, उन्होंने बहुत ज्यादा बोली नहीं लगाई और उन्होंने आईपीएल इतिहास के सबसे सफल कप्तान की सेवाएं खो दीं.
मैडले ने कहा, ''आरसीबी ने नीलामी के लिए पहल की थी, लेकिन 2008 में उन्होंने धोनी की बोली कम राशि की लगाई थी. मुझे लगता है कि उन्हें इस बात का पछतावा रहा होगा. लिहाजा उन्होंने धोनी की सेवाएं खो दीं.'' पिछले साल आरसीबी के पूर्व चीफ एक्जक्यूटिव चारू शर्मा ने भी इस बात का खुलासा किया था कि आरसीबी धोनी को खरीदने से पीछे क्यों हट गई थी.
चारू शर्मा ने कहा था, ''जरा कल्पना कीजिए यदि धोनी असफल हो जाते. जिस तरह नीलामी की जा रही थी, हमें याद रखना चाहिए कि यह वन मैन शो नहीं होता, क्रिकेट टीम गेम है. कल्पना कीजिए धोनी शून्य पर आउट हो जाते. कल्पना कीजिए धोनी फेल हो जाते. तब चेन्नई के फैन्स जरूर कहते कि क्या धोनी को इतने में खरीदा जाना चाहिए था.''
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने आयकन खिलाड़ी के रूप में राहुल द्रविड़ को चुना था. यह धोनी को ना चुनने का एक बड़ा कारण था. आठ फ्रेंचाइजीज को नीलामी से पहले एक आयकन खिलाड़ी चुनने की छूट थी. नियमों के अनुसार, आयकन प्लेयर के लिए 10 प्रतिशत अधिक भुगतान होना था. संभवतः यही वजह थी कि मुंबई इंडियंस धोनी को नहीं खरीद पाए.
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