दिलेर समाचार, नई दिल्ली. नए कृषि कानूनों (Farm law 2020) के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन (Farmer Protest) दो सप्ताह से चालू है. केंद्र सरकार और किसान संगठनों की कई स्तर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला है. अब अपनी मांगों के लिए किसान संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है. केंद्र सरकार के अलावा अलग-अलग सुरक्षा एजेंसियों (Security Agencies) की नजर इस आंदोलन पर है. इस बीच खुफिया सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है कि अल्ट्रा-लेफ्ट नेताओं और समर्थक वामपंथी चरमपंथी तत्वों ने किसानों के आंदोलन को हाईजैक कर लिया है.
खुफिया सूत्रों का कहना है कि अतिवादी संगठन आने वाले दिनों में किसानों को हिंसा, आगजनी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए उकसाने की योजना बना रहे हैं.
खुफिया विभाग की रिपोर्ट पर किसान नेता राकेश टिकैत की प्रतिक्रिया सामने आई है. राकेश टिकैत ने कहा, 'हमें तो यहां पर ऐसे लोग नजर नहीं आ रहे हैं. फिर भी अगर खुफिया एजेंसियों की निगाहें इस आंदोलन पर है तो वो उन्हें पकड़े वो कर क्या रही है.' टिकैत ने कहा, 'हमारी सेंट्रल इंटेलीजेंस इतनी कमजोर नही है, जो इन्हें पकड़ नहीं सकती. जो लोग गलत प्रचार कर रहे है. उन पर एजेंसी निगाहें बनाए रखे.'
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