दिलेर समाचार, नई दिल्ली. दिल्ली सरकार के सभी विभागों में अब सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग होगा. इस दिशा में केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) ने ऐतिहासिक कदम उठाया है. दिल्ली अब भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया का पहला ऐसा प्रदेश है, जहां सभी सरकारी विभागों को सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग का निर्देश दिया गया है.
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने उम्मीद जताई कि दिल्ली सरकार के इस कदम से प्रेरणा लेकर देश और दुनिया के अन्य शहरों में भी प्रदूषण से लड़ाई को प्राथमिक एजेंडा बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि आज जलवायु परिवर्तन (Climate Change) और पर्यावरण (Environment) से जुड़ी चुनौतियों को काफी गंभीरता से लेना जरूरी है. अन्य मामलों की तरह इस मामले में भी दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने एक बड़ा कदम उठाया है.
दिल्ली सरकार के वित्त विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 2020 के अंतर्गत यह आदेश जारी किया गया है. इसके अनुसार दिल्ली सरकार के सभी विभागों, स्वायत्त संस्थाओं तथा अनुदान प्राप्त संस्थाओं में मौजूदा किराया आधारित पेट्रोल, डीजल, सीएनजी से चालित सभी वाहनों के बदले छह माह के भीतर इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करना अनिवार्य है. ऐसे वाहनों की खरीद तथा किराया अथवा लीज पर लेने संबंधी में विस्तृत दिशानिर्देश भी जारी किए गए हैं. इनकी संख्या करीब 2000 है.
दिल्ली सरकार के वित्त विभाग (Finance Department) के पॉलिसी डिविजन द्वारा जारी आदेश के अनुसार ऐसे इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) की खरीद तथा किराया अथवा लीज पर लेने के लिए जेम पोर्टल अथवा भारत सरकार के उर्जा विभाग के अंतर्गत पीएसयू ईईएसएल का उपयोग किया जाएगा. इलेक्ट्रिक वाहनों को विभागों की सुविधानुसार ड्राई लीज अथवा वेट लीज पर लेने का प्रावधान रखा गया है. प्रथम बार ऐसे वाहन लेने से पहले वित्त विभाग की अनुमति लेना अनिवार्य होगा.
मौजूदा अनुबंध के विस्तार हेतु ऐसी अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी. वित्त विभाग से अनुमति प्राप्त वर्तमान आइसी इंजन वाहनों के बदले उतनी संख्या में नए इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भी अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी.
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