दिलेर समाचार, नई दिल्ली. केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसानों का आंदोलन (Kisaan Aandolan) बीते 10 दिनों से जारी है. सरकार से अब तक उनकी चार दौर की वार्ता हो चुकी है. शनिवार को दोनों के बीच पांचवे दौर की बातचीत होगी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के वकील दुष्यंत दवे ने कहा है कि किसान अगर यह मामला अदालत में उठाना चाहते हैं तो वह उनके लिए बिना किसी फीस के केस लड़ने को तैयार हैं.
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार किसानों की संघर्ष समिति के सदस्यों की बैठक के बाद एडवोकेट और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने कहा 'यदि वे (किसान) किसी भी मामले को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में ले जाना चाहते हैं तो मैं बिना किसी फीस के उनकी ओर से अदालत में जाने को तैयार हूं. मैं किसानों के साथ खड़ा हूं.'
बता दें किसानों ने आठ दिसम्बर को ‘भारत बंद’ का शुक्रवार को ऐलान किया और चेतावनी दी कि यदि सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो वे राष्ट्रीय राजधानी की तरफ जाने वाली और सड़कों को बंद कर देंगे. सरकार के साथ कल होने वाली पांचवें दौर की बातचीत से पहले किसानों ने अपना रूख और सख्त कर लिया है. सूत्रों ने अनुसार सरकार ने गतिरोध खत्म करने के लिए उन प्रावधानों का संभावित हल तैयार कर लिया है जिन पर किसानों को ऐतराज है.
किसानों ने भावी कदम तय करने के लिए दिन के समय बैठक की. बैठक के बाद किसान नेताओं में एक गुरनाम सिंह चडोनी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यदि केंद्र सरकार शनिवार की वार्ता के दौरान उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती है, तो वे नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करेंगे. भारतीय किसान यूनियन के महासचिव हरिंदर सिंह लखवाल ने कहा, 'आज की हमारी बैठक में हमने आठ दिसम्बर को ‘भारत बंद’ का आह्वान करने का फैसला किया और इस दौरान हम सभी टोल प्लाजा पर कब्जा भी कर लेंगे.'
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