दिलेर समाचार, नई दिल्ली. देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (National Capital Delhi) में पिछले कुछ दिनों में अगलगी की घटनाओं के बाद कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. बताया गया है कि दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में स्थित कई फैक्ट्रियों के पास अग्निशमन विभाग (Fire Department) का एनओसी यानी नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (No-Objection Certificate) नहीं है. दिल्ली अग्निशमन सेवा ने पिछले तीन महीनों में राजधानी की बहुमंजिली औद्योगिक इकाइयों और कारखानों में आग लगने की घटनाओं से जुड़े 83 से अधिक कॉल पर कार्रवाई की है. अधिकारियों ने बीते शनिवार को बताया कि इनमें से अधिकतर फैक्ट्रियों में अलग-अलग निर्माण इकाइयां हैं, जिनमें मजदूर और उनके परिजन रहते भी हैं.
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अधिकतर ऐसी इमारतों के अंदर आग से बचाव के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सुरक्षा उपकरण नहीं है. इन फैक्ट्रियों में काम करने वाले कर्मचारी भीड़भाड़ वाले कमरों में रहते हैं, जिससे आग लगने की घटना की स्थिति में वह क्षेत्र ‘असुरक्षित’ हो जाता है. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक रिपोर्ट में, डीएफएस द्वारा जारी आंकड़ों के हवाले से बताया गया है कि 31 मई से 28 अगस्त तक उसने उद्योगों और कारखानों में आग लगने की घटनाओं के 83 फायर कॉल्स अटेंड किए.
डीएफएस प्रमुख अतुल गर्ग (Atul Garg) ने कहा, “हमारे पास एक प्रक्रिया है जिसके तहत हम वाणिज्यिक गतिविधियों वाले भवनों को फायर एनओसी देते हैं. इनमें से कई फैक्ट्रियों के पास हमारी ओर से एनओसी नहीं थी. उचित खिड़कियों या वेंटिलेशन की कमी, फैक्ट्री क्षेत्र के पास खाना पकाने की सामग्री और गैस सिलेंडर की मौजूदगी इसे असुरक्षित बनाती हैं.” गौरतलब है कि दिल्ली के कई इलाकों में छोटी-छोटी निर्माण इकाइयां चलती हैं, जहां तक कई बार दमकल गाड़ियों का पहुंचना भी मुश्किल हो जाता है.
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