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May 3 2024 10:33 AM

पीएम मोदी ने किया देशव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान का शुभारम्भ

Posted at: Jan 16 , 2021 by Dilersamachar 9805

दिलेर समाचार, नई दिल्ली । कोरोना महामारी के बीच भारत में दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इसका शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज के दिन का पूरे देश को बेसब्री से इंतजार था। कितने महीनों से देश के हर घर में बच्चे, बूढ़े, जवान सभी की जुबान पर ये सवाल था कि कोरोना वैक्सीन कब आएगी? अब वैक्सीन आ गयी है, बहुत कम समय में आ गई है। उन्होंने कहा कि भारत की वैक्सीन ऐसी तकनीक पर बनाई गई है जो भारत में ट्राइड और टेस्टेड है। ये वैक्सीन स्टोरेज से लेकर ट्रांसपोर्टेशन तक भारतीय स्थितियों और परिस्थितियों के अनुकूल हैं। यही वैक्सीन भारत को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक जीत दिलाएगी।

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे वैज्ञानिक और विशेषज्ञ जब दोनों मेड इन इंडिया वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव को लेकर आश्वस्त हुए, तभी उन्होंने इसके इमरजेंसी उपयोग की अनुमति दी। इसलिए देशवासियों को किसी भी तरह के प्रोपेगेंडा, अफवाहें और दुष्प्रचार से बचकर रहना है। भारतीय वैक्सीन विदेशी वैक्सीन की तुलना में बहुत सस्ती हैं और इनका उपयोग भी उतना ही आसान है। विदेश में तो कुछ वैक्सीन ऐसी हैं जिसकी एक डोज 5,000 हज़ार रुपये तक में हैं और जिसे -70 डिग्री तापमान में फ्रीज में रखना होता है।

पीएम मोदी ने कहा, 'अब से कुछ ही मिनट बाद भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है। मैं सभी देशवासियों को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। भारत का टीकाकरण अभियान बहुत ही मानवीय और महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर आधारित है,जिसे सबसे ज्यादा जरूरत है, उसे सबसे पहले कोरोना का टीका लगेगा।'

पीएम मोदी ने कहा, पहली और दूसरी डोज के बीच, लगभग एक महीने का अंतराल भी रखा जाएगा। दूसरी डोज लगने के दो हफ्ते बाद ही आपके शरीर में कोरोना के विरुद्ध ज़रूरी इम्युनिटी विकसित हो पाएगी।मेरा आपसे अनुरोध है कि पहली खुराक पाने के बाद मास्क उतारने की गलती न करें और शारीरिक दूरी बनाए रखें क्योंकि दूसरी खुराक के बाद इम्युनिटी विकसित होती है।'

पीएम मोदी ने कहा, ' इतिहास में इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया है। दुनिया के 100 से भी ज्यादा ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या 3 करोड़ से कम है। और भारत वैक्सीनेशन के अपने पहले चरण में ही 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है।'

पीएम मोदी ने कहा, 'आमतौर पर एक वैक्सीन बनाने में बरसों लग जाते हैं लेकिन इतने कम समय में एक नहीं दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार हुई हैं। कई और वैक्सीन पर भी तेज़ गति से काम चल रहा है, ये भारत के सामर्थ्य, वैज्ञानिक दक्षता और टैलेंट का जीता-जागता सबूत है।'

पीएम मोदी ने कहा, ' इतिहास में इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया है। दुनिया के 100 से भी ज्यादा ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या 3 करोड़ से कम है। भारत वैक्सीनेशन के अपने पहले चरण में ही 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है।दूसरे चरण में हमें इसको 30 करोड़ की संख्या तक ले जाना है। जो बुजुर्ग हैं, जो गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, उन्हें इस चरण में टीका लगेगा।आप कल्पना कर सकते हैं, 30 करोड़ की आबादी से ऊपर के दुनिया के सिर्फ तीन ही देश हैं- खुद भारत, चीन और अमेरिका। '

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने 24 घंटे सतर्क रहते हुए, हर घटनाक्रम पर नजर रखते हुए, सही समय पर सही फैसले लिए। 30 जनवरी को भारत में कोरोना का पहला मामला मिला, लेकिन इसके दो सप्ताह से भी पहले भारत एक हाई लेवल कमेटी बना चुका था। 17 जनवरी, 2020 वो तारीख थी, जब भारत ने अपनी पहली एडवायजरी जारी कर दी थी। भारत दुनिया के उन पहले देशों में से था जिसने अपने एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी। जनता कर्फ्यू, कोरोना के विरुद्ध हमारे समाज के संयम और अनुशासन का भी परीक्षण था, जिसमें हर देशवासी सफल हुआ। जनता कर्फ्यू ने देश को मनोवैज्ञानिक रूप से लॉकडाउन के लिए तैयार किया। ऐसे समय में जब कुछ देशों ने अपने नागरिकों को चीन में बढ़ते कोरोना के बीच छोड़ दिया था, तब भारत, चीन में फंसे हर भारतीय को वापस लेकर आया। सिर्फ भारत के ही नहीं, हम कई दूसरे देशों के नागरिकों को भी वहां से वापस निकालकर लाए।

पीएम मोदी ने कहा, 'भारत ने कोरोना महामारी से जिस प्रकार से मुकाबला किया उसका लोहा आज पूरी दुनिया मान रही है। केंद्र और राज्य सरकारें, स्थानीय निकाय, हर सरकारी संस्थान, सामाजिक संस्थाएं, कैसे एकजुट होकर बेहतर काम कर सकते हैं, ये उदाहरण भी भारत ने दुनिया के सामने रखा।'

प्रधानमंत्री महामारी के मुश्किल दौर को याद करके भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि इस बीमारी ने लोगों को उनके परिवारों से दूर रखा। माताएं बच्चों के लिए रो रही थीं, लेकिन वो अपने बच्चों के पास नहीं जा सकती थीं। लोग अस्पताल में भर्ती अपने घर के बुजुर्गों से मिल नहीं सकते थे। कोरोना के कारण हमारे कई साथी हमसे दूर चले गए, ऐसे लोगों का हम अंतिम संस्कार भी नहीं कर सके।

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