दिलेर समाचार, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के पांव इन दिनों दिल्ली में नहीं टिक पा रहे. कभी ओडिशा तो कभी देश के दूर दराज के इलाकों में अपने मंत्रालय की उज्जवला के प्रचार के प्रचार में लगे रहते हैं. ये उज्जवला योजना तो यूपी विधानसभा चुनावों में भी गेम चेंजर साबित हुई थी. धर्मेंद्र बाबू को पीएम ने इनाम भी दिया और वो कैबिनेट मंत्री के रुप में प्रमोशन भी पा गए. अब उनके दिमाग में क्या चल रहा है और आने वाले दिनों के लिए वे कौन सी पहल करने जा रहे हैं. ये कल यानी सितंबर 23 को गांधी नगर में साफ हो जाएगा.
23 सितंबर को गुजरात की राजधानी गांधीनगर में धर्मेंद्र प्रधान और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी प्रधानमंत्री एलपीजी योजना की शुरुआत करेंगे. धर्मेन्द्र प्रधान को उम्मीद है कि ये योजना उज्जवला योजना की सफलता को और आगे ले जाएगी. पेट्रोलियम मंत्रालय के आंकडे बताते हैं कि उज्जवला योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रह रहीं 5 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन दिए गए हैं.
ये संदेश देश के आखिरी छोर तक पहुंचाना भी है. पीएम एलपीजी योजना के तहत इरादा है महिलाओं के बीच जाना और पंचायतों का आयोजन करना. इन पंचायतों में हर क्षेत्र में काम कर रही महिलाओं की मदद भी ली जाएगी. इसमें आंगनबाडी, समाजसेवा, राजनीति के क्षेत्र में काम करने वाली महिलाएं भी शामिल होंगी. जाहिर है इन पंचायतों के जरिए देश के रिमोट हिस्सों में भी जागरुकता बढ़ाने में मदद मिलेगी कि एलपीजी उनके पारंपरिक उर्जा से सस्ता भी है
और स्वच्छ भी. पंचायतों में पूरा ध्यान महिलाओं को ये बताने में रहेगा कि एलपीजी का इस्तेमाल न सिर्फ सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए बेहतर है बल्कि आस पास के पर्यावरण को भी स्वच्छ रखने में मददगार होता है. साथ ही जलावन की लकड़ी ढूंढने से लेकर दूसरी मुश्किलों को भुला कर महिला सशक्तिकरण में भी खासा योगदान रहेगा. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान का मानना है कि एलपीजी समाज में बदलाव का एक जरिया बनेगा.
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