दिलेर समाचार, नई दिल्ली. भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत ने शनिवार को कहा कि अगर सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को 2 अक्टूबर तक वापस नहीं लिया, तो आगे की रणनीति पर काम करना शुरू कर देंगे. उन्होंने कहा, "कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए हमने सरकार को 2 अक्टूबर तक का समय दिया है. इसके बाद हम आगे की योजना बनाएंगे. हम दबाव में सरकार से कोई बातचीत नहीं करेंगे." इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार कृषि क़ानूनों को वापस ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क़ानून बनाए नहीं तो आंदोलन जारी रहेगा. हम पूरे देश में यात्राएं करेंगे और पूरे देश में आंदोलन होगा.
इस बीच, केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के 'चक्का जाम' के आह्वान के समर्थन में कथित रूप से प्रदर्शन करने के लिए शनिवार को मध्य दिल्ली के शहीदी पार्क के पास 50 व्यक्तियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. किसान संगठनों ने अपने आंदोलन स्थलों के पास के क्षेत्रों में इंटरनेट पर रोक लगाए जाने, अधिकारियों द्वारा कथित रूप से उन्हें प्रताड़ित किए जाने और अन्य मुद्दों को लेकर छह फरवरी को देशव्यापी 'चक्का जाम' की घोषणा की थी जिस दौरान उन्होंने दोपहर 12 बजे से अपराह्न तीन बजे के बीच राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को अवरुद्ध करने की बात कही थी.
गौरतलब है कि तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने और फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी देने की मांग के साथ पंजाब, हरियाणा और देश के विभिन्न हिस्सों से आए हजारों किसान दो महीनों से अधिक समय से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. 6 फरवरी को इस आंदोलन को शुरू हुए 73 दिन पूरे हो चुके हैं.
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