दिलेर समाचार, नई दिल्ली. बकरीद के दौरान राज्य में कोविड-19 पाबंदियों में ढील देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार को फटकार लगाई है. अदालत ने कहा है कि यह बेहद चौंकाने वाली बात है कि राज्य सरकार ने व्यापारियों की लॉकडाउन में ढील देने की मांग को स्वीकार कर लिया है. इसके अलावा कोर्ट ने चेतावनी दी है कि अगर राज्य सरकार की तरफ से छूट दिए जाने के बाद कोरोना संक्रमण फैलता है, तो इसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. साथ ही कोर्ट ने सरकारी अधिसूचना को रद्द करने से मना कर दिया है.
मंगलवार को अदालत ने कहा कि किसी भी तरह का दबाव भारत के नागरिक के सबसे मूल्यवान जीवन के अधिकार का उल्लंघन नहीं कर सकता. कोर्ट ने कहा कि अगर किसी भी तरह की अप्रिय घटना होने पर उसे हमारे संज्ञान में लाया जाता है, तो उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम केरल को संविधान के अनुच्छेद 21 के साथ अनुच्छेद 44 पर ध्यान देने और कांवड़ यात्रा को लेकर दिए गए हमारे फैसले पर ध्यान देने का निर्देश देते हैं.
अपने फैसला का बचाव कर रही केरल सरकार ने कोर्ट से कहा कि 15 जून से ही पाबंदियों में ढील दी गई थी और इसमें कुछ नया नहीं था. इसके अलावा सरकार ने उन व्यापारियों की परेशानियों का भी हवाला दिया, जो बकरीद के दौरान आर्थिक हालात बेहतर होने की उम्मीद कर रहे थे. याचिकाकर्ता और सीनियर एड्वोकेट विकास सिंह ने कोर्ट से आज पाबंदियों से छूट का अखिरी दिन होने के चलते आदेश जारी करने के लिए कहा. जस्टिस नरीमन ने कहा कि हम नोटिफिकेशन को रद्द नहीं कर सकते हैं.
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