दिलेर समाचार, नई दिल्ली। थाने में जाना और रिपोर्ट लिखाना आम लोगों के लिए आसान नहीं होता। लेकिन, उत्तरी दिल्ली के सब्जी मंडी थाने में मंगलवार शाम को एक नौ साल का बच्चा रोते हुए पहुंच गया। पुलिसवालों ने पूछा क्यों रो रहे हो? तो बच्चे ने बताया कि मेरे घर के बाहर से मेरी साइकिल चोरी हो गई है।
पिताजी के पास पैसे नहीं अब मैं स्कूल कैसे जाऊंगा। यह सुनकर पुलिसवालों का दिल पसीज गया। आनन-फानन उसे थानेदार के पास ले गए। बच्चे ने उन्हें भी अपनी व्यथा सुनाई। पूरा मामला समझने के बाद थानेदार ने बच्चे को नई साइकिल दिलाकर घर भेज दिया।
पुलिस का यह मानवीय चेहरा कम ही दिखता है। सब्जी मंडी थाने क्षेत्र के माता मंदिर मिश्रा वाली गली में बच्चा अपने माता पिता संग रहता है। मंगलवार दोपहर में घर के बाहर से साइकिल गायब होने पर उसे स्कूल जाने की चिंता सताने लगी।
पिता ने बाद में दूसरी साइकिल खरीदने की बात कही पर, सातवीं के इस छात्र को अगले दिन ही स्कूल जाने की चिंता सताने लगी थी। वह रोते हुए सीधे थाने पहुंचा। यहां पुलिस स्टाफ ने बच्चे को रोता देख उससे रोने और थाने आने का कारण पूछा, तो उसने बताया कि गली में से कोई उसकी साइकिल चोरी कर ले गया है।
पापा के पास अभी पैसे नहीं हैं नई साइकिल दिलवाने के लिए, अब बिना साइकिल के स्कूल कैसे जाउंगा। बच्चे की बात सुनकर थाने का स्टाफ बच्चे को एसएचओ राम मनोहर मिश्रा के पास ले गया। उसे रोता देख एसएचओ ने बच्चे को शांत कराया। इसी बीच बच्चे के पिता मदन गोपाल जो शादियों में फोटोग्राफी का काम करते हैं, वो भी थाने पहुंच गए। एसएचओ ने उनसे साइकिल चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए कहा।
इस पर बच्चे के पिता ने कहा, पुरानी साइकिल थी क्या रिपोर्ट लिखाएंगे, साइकिल कोई नशेड़ी उठा ले गया होगा। जब पैसा होगा तब नई साइकिल दिला देंगे। मगर बच्चा रोता रहा और नई साइकिल दिलाने की जिद करता रहा।
इसपर एसएचओ का दिल पसीजा और उन्होंने अपने वेतन से बच्चे को नई साइकिल दिलवा दी। जिसे पाने के बाद बच्चा मारे खुशी के फूला नहीं समाया। पुलिस ने कहा कि बच्चे के पिता ने रिपोर्ट नहीं लिखाई है मगर हम उसकी साइकिल की तलाश कर रहे हैं।
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