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पॉक्सो एक्ट में विवादित आदेश देने वाली जज का होगा डिमोशन!

Posted at: Dec 17 , 2021 by Dilersamachar 9288

दिलेर समाचार, नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) में स्थाई जज के तौर पर जस्टिस पुष्पा वी गनेदीवाला (Justice Pushpa V Ganediwala) के नाम की सिफारिश नहीं करने का फैसला लिया है. खबर है कि पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) के तहत जस्टिस गनेदीवाला की तरफ से दिए गए दो फैसले के चलते सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की तरफ से यह कदम उठाया गया है. फिलहाल, बॉम्बे हाईकोर्ट में अतिरिक्त जज की जिम्मेदारियां संभाल रहीं गनेदीवाला ने ही ‘स्किन टू स्किन’ मामले में विवादित फैसला सुनाया था, जिसके चलते वे काफी विवादों में रही थीं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस गनेदीवाला के दो फैसलों की बारीकी से जांच की गई थी, जिसमें उन्होंने पॉक्सो एक्ट के तहत यौन उत्पीड़न की विवादित व्याख्या की थी. रिपोर्ट के अनुसार, कॉलेजियम की तरफ से लिए गए इस फैसले का मतलब है कि जज गनेदिवाला डिमोट होकर जिला न्यायपालिका का हिस्सा बनेंगी. रिपोर्ट के मुताबिक, दो विवादित फैसलों के अलावा कॉलेजियम ने जज के फैसलों में परेशान करने वाला एक ‘पैटर्न’ देखा है.

जस्टिस गनेदीवाला के नाम के लिए पहली बार हाईकोर्ट ने नवंबर 2017 में सिफारिश की थी और यह सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के सामने साल 2018 में आया था. इन सिफारिशों में राज्य के 5 अन्य न्यायिक अधिकारियों के नाम भी शामिल थे. उस दौरान कॉलेजियम में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रहे दीपक मिश्रा, जस्टिस रंजन गोगोई और मदन लोकुर ने गनेदीवाला के नाम को स्थगित कर दिया था.

रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस गनेदीवाला को लेकर जस्टिस खानविलकर और जस्टिस चंद्रचूड़ की तरफ से कॉलेजियम को दो नोट मिले, जिसमें कॉलेजियम के फैसले पर असहमति जताई गई थी. इसके बाद भी उन्हें 2019 में नियुक्ति मिली. हाईकोर्ट में नियुक्ति पर फैसला लेने वाले कॉलेजियम में सीजेआई एनवी रमन्ना, जस्टिस खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ हैं.

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