तसुभाष शिरढोनकर
दिलेर समाचार, ऋतिक रोशन की ’सुपर 30’, पटना के मशहूर गणितज्ञ आनंद कुमार पर आधारित उनके कैरियर की पहली बायोपिक है जो 23 नवंबर, 2018 को रिलीज होकर शायद इस साल उनकी एक मात्रा रिलीज होगी।
फैंटम फिल्म और रिलायंस इंटरटेनमेंट द्वारा निर्मित इस फिल्म की स्क्रिप्ट मशहूर स्क्रिप्ट राइटर संजीव दत्ता ने तैयार की है। विकास बहल इसका निर्देशन कर रहे हैं। कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छावड़ा, फिल्म के लिए 30 ऐसे बिहारी कलाकारों की तलाश कर रहे हैं जो आनंद कुमार के स्टूडेंट्स का किरदार निभा सकें। अप्रैल से इसकी शूटिंग शुरू होगी।
करण जौहर, ऋतिक रोशन के साथ, ’अग्निपथ’ और ’कभी खुशी कभी गम’ जैसी फिल्में कर चुके हैं। ऋतिक को करण जौहर अपने लिए बेहद लकी मानते हैं। पिछले कुछ सालों से दोनों ने साथ काम नहीं किया है लेकिन करण एक बार फिर ऋतिक रोशन के साथ, काम करना चाहते हैं।
ऋतिक रोशन, सिद्धार्थ आनंद की फिल्म में वाणी कपूर और टाइगर श्रॉफ के अपोजिट काम करेंगे। अक्तूबर में इसकी शूटिंग शुरू होगी। इसे अगले साल रिलीज किया जायेगा।
’देसी ब्वायज’ और ’ढिशुम’ जैसी फिल्में बनाने वाले रोहित धवन ने हाल ही में एक फिल्म की स्क्रिप्ट पूरी की है और वो इस पर शुरू की जाने वाली फिल्म के लीड रोल में ऋतिक रोशन को फायनल कर चुके हैं। कहा जा रहा है कि उनकी यह फिल्म सुपर हीरो पर आधारित होगी। 2020 के क्रिसमस पर ऋतिक रोशन के होम प्रोडक्शन की ’कृष 4’ आयेगी। प्रस्तुत हैं ऋतिक रोशन के साथ की गई बातचीत के मुख्य
अंशः
फिल्म इंडस्ट्री में पहले नंबर पर खान एक्टर्स हैं। उसके बाद अक्षय कुमार और अजय देवगन का नंबर आता है। इन सितारों के बीच आपकी गिनती कहीं नहीं होती । आप इस मुकाबलेबाजी में खुद को कहां पाते
हैं ?
अपनी जगह बनाने के लिए मुकाबला हर जगह है परंतु एक लंबे समय तक आप चलते रहना चाहते है तो आपके अंदर टेलेंट होना बेहद जरूरी है। मैं मुकाबलेबाजी में यकीन नहीं करता बल्कि अपना काम ठीक तरह से कर सकूं, मेरा सारा ध्यान इस पर ही रहता है। यदि आपके पास टेलेंट नहीं है और आप अपना काम ठीक से नहीं कर पाते तो आप ज्यादा समय तक यहां पर टिक नहीं सकेंगे।
आप अपने लक्ष्य और मिशन को लेकर कितने क्लीयर हैं ?
मुकाबले की लड़ाई के इस दौर में हर किसी को अपने लक्ष्य और मिशन को लेकर बिलकुल स्पष्ट होना चाहिए। यदि आपके पास यह सब कुछ नहीं है तो यकीनन आप बहुत पीछे रह जायेंगे। इसके साथ ही एक एक्टर को हमेशा यह भी याद रखने की जरूरत है कि वह कभी भी अपनी कला से ऊपर नहीं हो सकता, इसलिए उसमें सीखते रहने की इच्छा भी होनी चाहिएं।
इस इंडस्ट्री में आपको 18 साल हो चुके हैं और आप 30 से अधिक फिल्में कर चुके हैं। अपने अनुभवों के आधार पर आपने क्या सबक सीखा ?
जीवन में मेरा सबक यही है कि हमें अपने हुनर पर गर्व करना चाहिए। हम सब एक्टर एक जैसे हैं, सभी का काम भी लगभग एक जैसा ही है लेकिन हमारी सबसे बड़ी शक्ति हमारा अनोखा होना है। आपके पास जो कुछ है, उससे आप चाहे संतुष्ट बेशक न हों लेकिन उससे आपको खुश रहना चाहिए।
आपको अपने कैरियर में ’फिजां’, ’यादें’ और ’लक्ष्य’ जैसी कुछ फिल्मों में नाकामी का सामना भी करना पड़ा। आपने अपनी नाकामियों से क्या सबक सीखा ?
आप किसी भी फिल्म को सिर्फ बॉक्स ऑफिस की कसौटी पर नहीं आंक सकते। ’फिजां’ या ’लक्ष्य’ बेशक बॉक्स ऑफिस पर नहीं चलीं लेकिन इन फिल्म के लिए मुझे बेस्ट एक्टर के फिल्मफेयर नॉमिनेशन मिले थे, इसलिए आप यह तो बिलकुल नहीं कह सकते कि मैं इनमें कहीं चूक गया था। कुछ लोग ’गुजारिश’ को मेरे कैरियर की बड़ी फलॉप मानते हैं लेकिन इत्तफाक से उसके लिए भी मुझे फिल्मफेयर नॉमिनेशन मिला था।
फिर आप अपनी किन फिल्मों को नाकाम मानते हैं ?
मुझे लगता है कि ’काइट्स’ और ’मोहनजोदड़ो’ मेरी ऐसी फिल्म हैं जिन्हें मैं सही अर्थों में नाकाम कह सकता हूं। इनके अलावा भी मैं कई बार एंड ऑफ द रोड वाले मोड़ तक पहुंचा हूं लेकिन उसके बाद जब एक कदम बढ़ाया तो जिंदगी ने फिर रफ्तार पकड़ ली। इसलिए मुझे लगता है कि सब कुछ तब तक खत्म नहीं होता जब तक कि आपमें एक कदम और बढ़ाने की ताकत हो।
होम प्रोडक्शन की ’कृष 4’ को क्रिसमस 2020 पर रिलीज किए जाने का एलान हुआ है। आखिर इसे इतना लेट करने की वजह क्या है ?
पिछले कुछ सालों से डैड इसकी स्क्रिप्ट पर काम कर रहे थे जो अब जाकर पूरी हो सकी है। डैडी के काम करने का तरीका थोड़ा अलग है। वो सब्जेक्ट चुनने, कहानी और उस पर स्क्रिप्ट तैयार करने में भरपूूर वक्त लेते हैं। मुझे लगता है कि इस साल के आखिर तक हम फिल्म की शूटिंग शुरू कर देंगे और फिल्म अपने तयशुदा योजना के अनुसार रिलीज हो सकेगी।
आपको कभी ऐसा महसूस नहीं हुआ कि आप दूसरे एक्टर्स की तुलना में काफी कम फिल्में करते हैं और आपके काम की गति अपेक्षाकृत बेहद धीमी रही है। इस साल भी आपकी सिर्फ एक ही फिल्म आयेगी ?
बिलकुल, मैंने अपनी कुछ फिल्मों को बहुत ज्यादा वक्त दिया है। पिछले कुछ समय से दो साल के अंतराल में मेरी फिल्में आई हैं। मुझे अपने फैंस के संदेश भी लगातार मिल रहे हैं जिसमें वे मुझे ज्यादा फिल्में करने की बात कहते हैं, इसलिए मैं अपना वर्क पैटर्न बदलने की कोशिश कर रहा हूं। मेरी कोशिश यही होगी कि एक साल में दो या तीन फिल्में अपने फैंस के लिए ला सकूं।
कम फिल्में करने के बावजूद अपनी फिल्मों के लिए ज्यादा वक्त देते हुए खुद के लिए कितना वक्त निकाल पाते हैं ?
काम लायक वक्त तो निकाल ही लेता हूं लेकिन मुझे लगता है कि मेरे जीवन में उतना संतुलन नहीं है जितना होना चाहिए। मैं अपने काम को कुछ इस तरह अरेंज करना चाहता हूं कि बिना किसी रूकावट के अपना काम भी कर सकूं और साथ में अपने लिए ढेर सारा वक्त भी निकाल सकूं।
यशराज द्वारा निर्मित ’धूम 2’ के लिए आपको बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर अवार्ड मिला था लेकिन उसके बाद आप उनके बैनर की किसी फिल्म में नजर नहीं आ सके ?
बिलकुल ऐसा ही है लेकिन यह महज इत्तफाक रहा है। इसके पीछे कोई खास वजह नहीं रही। ’ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ का ऑफर मुझे मिला था लेकिन उस वक्त मैं मानसिक रूप से फिल्म करने की स्थिति में नहीं था। लेकिन अब सिद्धार्थ आनंद के निर्देशन में उनकी एक फिल्म मैंने स्वीकार की है। इसकी शूटिंग अक्तूबर में शुरू हो जायेगी और यह अगले साल गांधी जयंती पर रिलीज होगी।
पिछले साल ’काबिल’ की रिलीज के बाद कहा जाने लगा था कि आप कैमरे के पीछे जाकर पिता की तरह एक निर्देशक के रूप में भी नजर आ सकते हैं ?
इसमें कोई शक नहीं कि मुझे एक्टिंग से प्रेम है, यह मेरा जुनून है लेकिन हो सकता है कि कभी मुझे लगे कि यह कैमरे के पीछे जाने का सही वक्त है तो मैं इस रूप में भी ऑडियंस के सामने आ सकता हूं। दरअसल मैं एक ऐसा व्यक्ति हूं जिसे नई नई चुनौतियां पसंद आती रही हैं।
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