दिलेर समाचार। दिल्ली एनसीआर की हवा दिवाली से पहले ही जहरीली हो गई है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक दिल्ली की एयर क्वालिटी अभी से खतरनाक स्तर से 4 गुना ज्यादा जहरीली है और दिवाली के बाद हवा में प्रदूषण का स्तर और ज्यादा बढ़ जाएगा। ऐसे में सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर है। डॉक्टरों के मुताबिक जहरीली हवा के कारण बच्चों में निमोनिया, अस्थमा और सांस की दूसरी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। आपको बता दें कि आज भी भारत में जिन रोगों से सबसे ज्यादा बच्चों की मौत होती है, उनमें से एक निमोनिया है।
डॉक्टर्स के मुताबिक प्रदूषण का सबसे ज्यादा खतरा 5 साल से कम उम्र के बच्चों को है। दिल्ली एनसीआर की मौजूदा हवा में सांस लेने वाले 5 साल से कम उम्र के बच्चों के फेफड़े भविष्य के लिए कमजोर हो सकते हैं, जिससे उन्हें भविष्य में कम उम्र में ही फेफड़ों के रोगों का खतरा ज्यादा रहेगा। बच्चों में एलर्जी, ब्रॉन्काइटिस, अस्थमा जैसी बीमारियों का खतरा तो है ही, साथ ही उन्हें सबसे ज्यादा खतरा निमोनिया का है।
प्रदूषण का खतरा सिर्फ उन बच्चों पर नहीं है, जो दिल्ली की हवा में सांस ले रहे हैं बल्कि उन शिशुओं पर भी है, जो अभी मां के गर्भ में पल रहे हैं। अध्ययन के मुताबिक प्रदूषण के कारण गर्भ में पल रहे बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास में बाधा आती है, जिससे बच्चे का वजन कम हो सकता है, उसकी लंबाई कम हो सकती है। इसके साथ ही बच्चे का आईक्यू लेवल कम हो सकता है, बच्चा ऑटिज्म का शिकार हो सकता है और उसका इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है। इसके साथ ही तमाम अनुवांशिक रोगों का खतरा भी पैदा होने वाले बच्चों में बढ़ जाता है।
गुरूवार को रात 9 बजे तक दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 409.9 तक पहुंच गया था। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी ऐंड वेदर फोरकास्टिंग रिसर्च(सफर) के मुताबिक एनसीआर की एयर क्वालिटी रविवार तक और बिगड़ जाएगी। ऐसे में बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सुरक्षा की जरूरत है। डॉक्टरों का मानना है कि छोटे बच्चे अगर इस हवा में लगातार सांस लेते हैं, तो गंभीर बीमारियों का शिकार होना तय है।
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