कुश्ती में एसे विवादित लोगो की कोई जगह नहीं है | दिनांक 28 दिसम्बर को हुए विवाद की में घोर निंदा करता हूँ | कुछ लोग कहते की ट्रायल में प्रवीन का पक्ष लिया गया तो कुछ कहते है सुशील की मदद की गई | तो कुछ कहते है सुशील तो मुश्किल से जीता | यह कहना गलत है की सुशील बड़ी मुश्किल से जीता मेने कुश्ती का वीडियो देखा है बहुत खराब निर्णायको की रेफ्रिशिप थी | दो उच्चकोटि के पहलवानों की कुश्ती में निर्णायक कुश्ती कंट्रोल करने में सक्षम नहीं थे | कई जगह फैसला भी गलत लिया गया कुश्ती के दौरान पहलवानों के कोच और सपोर्टर कुश्ती मेट पर चड़ जाते है एसे लोगो के खिलाफ नियमो का स्तेमाल नहीं किया गया | मेरे द्वारा पूरा कुश्ती वीडियो को अच्छी तरह Analysis किया तो पाया सुशील के कई अंक नहीं दिए गए जो दुर्भाग्य है | में लाईव कुश्ती नहीं देखा वीडियो देखा जिसमे 11 - 3 से सुशील प्रवीण राणा से जित दर्ज कर रहे है | जबकि निर्नायको की और से 7-3 अंतिम निर्णय बताया गया जो हेरान करता है | निर्नायको का झुकाव प्रवीण की और साफ़ दिखाई दे रहा है | कुश्ती में सुशील के कई पाइंट नहीं दिए गए | और जिन लोगो ने इस कुश्ती को लेकर विवाद किया है उन पर भारतीय कुश्ती संघ व दिल्ली पुलिश को जरुर कार्यवाही करनी चाहिए | ताकि दौबारा कोई एसा कृत्य करने की हिम्मत ना कर सके | कुश्ती को अपमानित व शर्मसार करने वाले एसे लोगो पर कार्यवाही होनी चाहिए | दिल्ली पुलिश को चाहिए की एसे अपराधियों की पहचान कर कार्यवाही करे और भारतीय कुश्ती संघ को एसे निर्नायक जो फेसला देने में गड़बड़ी करते है उन पर कार्यवाही करनी चाहिए साथ ही उन कोचो और सपोर्टरो पर भी कार्यवाही करे जो कुश्ती के दौरान मेट पर चड़ कर उत्पात मचाते है इसे भी नीयम तोड़ना कहा जाता है | सोकेस नोटिस एसे निर्नायक, कोचो, सपोर्टरो और गुंडागर्दी करने वालो के खिलाफ निकालना चाहिए ना की उस कोच के खिलाफ जो कुश्ती की बेहतरी के लिए नियमो को लागू करने की बात करता है | हमें गुंडागर्दी के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है |
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