दिलेर समाचार, नई दिल्ली: 'बिहार समरसता और संवेदनशीलता का प्रतीक है, बिहार की प्रतिभा की गूंज देश ही नहीं, विदेशों में भी सुनाई देती है.' ये बातें केंद्रीय राज्य मंत्री एस एस अहलूवालिया ने रविवार को दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में आयोजित 'बिहार प्रतिभा सम्मान समारोह 2018' के दौरान अपने संबोधन में कहीं. इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री एस एस अहलूवालिया ने बिहार से सिविल सेवा में चयनित उम्मीदवारों को बिहार गौरव सम्मान देने के बाद कहा कि बिहार में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, मगर संसाधनों की कमी की वजह और प्रशासनिक निष्क्रियता से छात्रों का भी पलायन होता है. मगर ये चयनित आईएस ही समाज में बदवाल ला सकते हैं. आगे उन्होंने कहा कि देश भर में मेडिकल क्षेत्र में लूट मची है, कुछ डॉक्टर रिपोर्ट और जांच के नाम पर मरीजों को लूटते हैं. इसे रोकने के लिये मोदी सरकार डिजिलॉकर की तरह मेडिकल लॉकर पर विचार कर रही है, इसके लिए हमने सुझाव दिया है. ताकि किसी मरीज की बीमारी से संबंधित सारी जानकारी ऑनलाइन हो और उसे बार-बार जांच करवाने के झंझट से मुक्ति मिले और पैसों के बोझ में न दबे.
वहीं, इस कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद आर के सिन्हा ने कहा कि हम भले ही कहीं चले जाएं मगर हमें अपने समाज के प्रति जिम्मेदारी को समझना चाहिए. हम ऐसा करें ताकि हमारे काम से हमारी जन्मभूमि को भी फायदा हो. बता दें कि बिहार प्रतिभा सम्मान समारोह में सिविल सेवा में चयनित बिहार के करीब 12 उम्मीदवारों के साथ-साथ साहित्य, कला-विज्ञान, समाज सहित तमाम क्षेत्रों में बिहार का नाम रौशन करने वाले प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया.
इस कार्यक्रम में केंद्रीय राज्यमंत्री अहलूवालिया से पटना में नैसकॉम चैप्टर की शुरुआत करने की अपील की गई. मंत्री ने जल्द ही इस पर विचार करने की बात कही. साथ ही कार्यक्रम में गुजराती एनआरआई की तर्ज पर बिहारी एनआरआई के लिए एक पंजीकृत प्लैटफॉर्म की मांग की गई, ताकि जो बिहारी इस देश से बाहर हैं, वह अपने समाज के उत्थान में मदद कर सके.
सिविल सेवा की परीक्षा में इस साल देश भर में 18वीं रैंक लाने वाली पटना की अभिलाषा अभिनव सहित करीब 12 चयनित उम्मीदवारों को सम्मानित किया गया. सम्मान पाने के बाद अभिलाषा अभिनव ने कहा कि इस दुनिया में असंभव कुछ भी नहीं है. हम वह सभी कर सकते हैं, जो हम सोच सकते हैं. बता दें कि इस कार्यक्रम में बिहार के विभिन्न जिलों में सामाजिक उत्थान के लिए कुछ अलग काम करने वाले कई बिहारी प्रतिभाओं को बिहार गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया.
वॉयस ऑफ बिहार की ओर से ब्रजेश कुमार ने कहा कि बिहारी प्रतिभा हर क्षेत्र में बेहतर है, बस ज़रूरत है उन्हें सही मार्गदर्शन और प्रोत्साहन की. हम पिछले साल से यह आयोजन इस लिये कर रहे हैं ताकि बिहार को बदलने में जो लोग बेहतर काम कर रहे हैं, आगे आ रहे हैं, उनके काम को राष्ट्रीय पटल पर सराहा जाए और तवज्जो मिले. बता दें कि इस कार्यक्रम में सिक्किम के पूर्व राज्यपाल बाल्मीकि प्रसाद सिंह ने भी बिहारी प्रतिभा को समान्नित किया और संबोधित किया.
इन 4 ऐप्स की मदद से घर बैठे आसानी से मिलेगी मनचाही नौकरी
दिलेर समाचार, नई दिल्ली: क्या आप 40 फीसदी उस कामकाजी आबादी में शामिल हैं, जो या तो अवेयर होकर अपने लिए नौकरी की तलाश कर रही है या कोई अच्छा मौका सामने आने पर अपनी मौजूदा नौकरी छोड़ने का पूरा मन बना चुकी है? कहा जाता है कि नौकरी की तलाश में किस्मत सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, पर आप टॉप 5 जॉब सर्च ऐप्स की मदद से अपनी कमियों को काफी हद तक कवरअप कर सकते हैं और अपने लिए शानदार और अच्छी नौकरी की तलाश कर सकते हैं.
1. Worknrby
यह एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जो फ्री सर्च सर्विस से नौकरी की तलाश कर रहे नौजवानों की मदद करती है. नौकरी की तलाश कर रहे आवेदकों की मदद के लिए उनके घर के पास नौकरी के विकल्प मुहैया कराती है. Worknrby के साथ खुद को रजिस्टर्ड कर आप लोकल एंप्लॉयर्स के पास नौकरी की तलाश कर सकते हैं. उम्मीदवार आसानी से अपनी पर्सनल और एजुकेशन क्वालिफिकेशन के बारे में प्रोफाइल में जानकारी दे सकते हैं, जिसे कस्टमाइज्ड सेटिंग के जरिए शेयर किया जा सकता है.
नौकरी की तलाश करने वाले उम्मीदवार अपना प्रोफाइल बना सकते हैं. वेरिफिकेशन के बाद यहां डाटा शेयर किया जाता है और उपयुक्त उम्मीदवार को नौकरी दी जाती है. इन सेवाओं का लाभ उठाने के लिए इच्छुक उम्मीदवारों को ऐप पर अपना रजिस्ट्रेशन करना होता है, जो मुफ्त होता है.
2. लिंक्डइन
यह एक बिजनेस और रोजगार पर आधारित सर्विस है. लिंक्डइन एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है. इसकी वेबसाइट या ऐप के जरिए आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. 28 दिसंबर 2002 को लिंक्डइन की स्थापना की गई. यह सर्विस 5 मई 2003 को लॉन्च की गई, जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से प्रोफेशनल नेटवर्किंग के लिए होता है. इस सर्विस में इम्प्लॉयर जॉब पोस्ट करते हैं और नौकरी तलाश करने वाले उम्मीदवार अपना बायोडाटा पोस्ट करते हैं.
साल 2015 में कंपनी को ज्यादातर प्रॉफिट अपने सदस्यों के बारे में इम्प्लॉयर्स और सेल प्रफेशनल्स को जानकारी की बिक्री करने से आया. अप्रैल 2007 में लिंक्डइन के 200 देशों में 500 करोड़ सदस्य हैं, जिसमें से 10.6 करोड़ से ज्यादा सदस्य एक्टिव हैं.
3. नौकरी डॉट कॉम
यह एक इंडियन जॉब पोर्टल है, जिसकी स्थापना मार्च, 1997 में की गई थी और तब से यह इंडिया में ऑपरेट किया जा रहा है. नौकरी डॉट कॉम की स्थापना एक भारतीय कारोबारी संजीव बिखचंदानी ने की थी, जिन्होंने भारत में 1995 में इंफो (ऐज) इंडिया की शुरुआत की थी. दिसंबर 2016 में नौकरी डॉट कॉम के पास 49.5 मिलियन जॉब की तलाश करने वाले लोगों का डाटा बेस था.
इसमें 11,000 उम्मीदवारों के बायोडाटा रोज जुड़ते हैं, जबकि वित्तीय वर्ष 2013-14 के दौरान 1 लाख 30 हजार रिज्यूमे को मॉडिफाइड किया गया. वित्तीय वर्ष 2013-14 के दौरान 51 हजार कॉरपोरेट उपभोक्ताओं (जिसमें हायरिंग कंसलटेंट्स और फर्म भी शामिल थी) ने नौकरी डॉट कॉम के डाटा बेस तक पहुंच हासिल करने, एडवरटाइजिंग और लिस्टिंग समेत अन्य सेवाओं के लिए वेबसाइट को भुगतान किया.
4. मॉन्सटर डॉट कॉम
यह अमेरिका बेस्ड ग्लोबल एंप्लॉइमेंट वेबसाइट है, जिसका स्वामित्व और संचालन मॉनस्टर वल्र्डवाइड आईएनसी. की ओर से किया जाता है. इसकी स्थापना 1999 में मॉनस्टर बोर्ड (टीएमबी) और ऑनलाइन करियर सेंटर (ओसीसी) के विलय से की गई थी. मॉनस्टर प्रमुख रूप से उन लोगों की मदद करने के लिए बनाई गई, जो निचले स्तर से मध्यम स्तर की नौकरी की तलाश में रहते हैं, जो उनकी योग्यताओं के मुताबिक हो और उनके घर के आसपास हों.
एलेक्सा की रैंकिंग के अनुसार, मान्सटरडॉटकॉम अमेरिका में नौकरी की तलाश करने वाले उम्मीदवारों या आवेदकों की ओर से सबसे ज्यादा देखी जाने वाली एंप्लॉइमेंट बेवसाइट है (दूसरी एंप्लाइमेंट वेबसाइट्स की तुलना में आप एलेक्सा की रैकिंग दाहिनी ओर इनबॉक्स में देख सकते हैं.
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