दिलेर समाचार, महाराष्ट्र और गुजरात सरकार जल्द ही नदियों को जोड़ने के बाबत करार करेंगे जिस पर करीब 20 हजार करोड़ रुपये खर्च आएगा। इस भारी भरकम रकम में से 18 हजार करोड़ रुपये केंद्र सरकार वहन करेगी जबकि एक-एक हजार करोड़ रुपयेमहाराष्ट्र और गुजरात सरकार मिलकर उठाएंगी। दोनों राज्यों के बीच करार होने से महाराष्ट्र के विदर्भ को लगभग 50टीएमसी पानी मिल सकेगा। दोनों राज्यों के नदी जोड़ प्रकल्प के अंतर्गत पार-तापी-नर्मदा और दमनगंगा-पिंजल नदियों को जोड़ा जाएगा। दमनगंगा-पिंजल से मुंबई महानगर को अतिरिक्त पानी मिल सकेगा।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री के सरकारी आवास वर्षा पर प्रदेश कीसिंचाई परियोजनाओं और सड़कों के निर्माण कार्य को लेकर समीक्षा बैठक हुई जिसमें केंद्रीय मंत्री परिवहन और जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी,मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व विभाग से संबंधित मंत्री व अधिकारी उपस्थित थे। बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए गडकरी ने कहा कि महाराष्ट्र में सिंचाई क्षेत्र 22 प्रतिशत है जिसे 40 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य है। इस योजना से सफल होने पर राज्य में किसानों की आत्महत्या रुक जाएगी,किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिल सकेगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि राज्य में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत 26सिंचाई परियोजनाओं का काम चल रहा है जिसमें करीब-करीब5 सिंचाई परियोजनाओं का काम पूरा हो गया है। उन्होंने बताया कि आत्महत्या ग्रस्त जिलों की विभिन्न सिंचाई परियोजना केलिए राज्य सरकार ने केंद्र से 10 हजार करोड़ रुपये अलग से मांगे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विदर्भ की गोसीखुर्द सिंचाई परियोजना का काम मार्च 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि मैं और मुख्यमंत्री दोनों मिलकर गोसीखुर्द परियोजना का काम तय समय में पूरा करने की कोशिश करेंगे। सड़कों के बाबत गडकरी ने कहा कि राज्य में 20 हजार किमी का राष्ट्रीय महामार्ग बनाया जाएगा जिसमें 5हजार किमी सड़कों का निर्माण कार्य शुरू करने की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है।
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