दिलेर समाचार, भोपाल। कर्नाटक और गोवा के बाद क्या बीजेपी के निशाने पर मध्यप्रदेश की सरकार और सत्ता दल के विधायक हैं. बीजेपी गाहे बगाहे ऐसे संकेत दे रही है, लेकिन कांग्रेस का कहना है विपक्ष सपने देख रहा है. हालांकि सदन के अंदर मुख्यमंत्री ने खुद माना कि एक मंत्री को 4 विधायकों की देखभाल की जिम्मेदारी दी गई है.
सरकार के भविष्य पर सवालिया निशान लगाते हुए बीजेपी के पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, 'मेरे पास एक व्हाट्सऐप आया है, गोवा के समंदर से मानसून उठा है, कर्नाटक होते मध्यप्रदेश की ओर बढ़ रहा है. कुछ दिनों बाद मध्यप्रदेश का मौसम सुहाना होगा.' वहीं कांग्रेस कह रही है कि सरकार को कोई खतरा नहीं.
खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा, 'मध्यप्रदेश में कोई संकट नहीं है.' स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने उनकी हां में हां मिलाते हुए कहा कि राज्य सरकार पर ना कोई खतरा था, ना है, ना रहेगा. 5 साल का कार्यकाल सरकार पूरा करेगी. वहीं खनन मंत्री प्रदीप जायसवाल ने कहा कि 7 महीने से वो (बीजेपी) सपना देख रही है वो साकार नहीं होने वाला. वहीं उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि फिलहाल 121 विधायक साथ हैं, आगे 125 साथ होंगे.
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 114 बीजेपी को 109 सीटें मिलीं, अभी झाबुआ विधायक सांसद बन गये इसलिये बीजेपी के 108 विधायक हैं, बहुमत का आंकड़ा 116 है. सरकार को 1 सपा, 2 बीएसपी और 4 निर्दलीयों का समर्थन है. कांग्रेस को लगता है, 121 का आंकड़ा उसके पास रहेगा और बीजेपी सपने देख रही है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, 'जहां तक मध्यप्रदेश की बात है, यह मुंगेरीलाल के हसीन सपने देखने जैसा ही होगा.' लेकिन बीजेपी की खुशी भी बिलावजह नहीं है. सरकार को समर्थन दे रही बसपा विधायक रामबाई ने शुक्रवार को विधानसभा में अपने परिवार को एक मामले में फंसाए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर उनके परिवार को न्याय नहीं मिल पा रहा तो राज्य में किसे न्याय मिलेगा.
रामबाई ने शून्यकाल के दौरान कहा कि दमोह जिले में एक परिवार के साथ हुई एक घटना में उनके परिवार को फंसा दिया गया है. उन्होंने कहा कि वे सरकार में शामिल हैं, पर उनके परिवार को न्याय नहीं मिल रहा और उनके परिवार के 28 लोगों को जेल में बंद कर दिया गया. इसी दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि अगर उनके परिवार को न्याय नहीं मिला तो राज्य में और किसे न्याय मिलेगा. रामबाई ने इस मामले में सीबीआई जांच के लिए विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति से भी अनुरोध किया.
बसपा विधायक संजू सिंह कुशवाह ने रामबाई का समर्थन किया, हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में इस मुद्दे पर चर्चा करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया, क्योंकि यह मामला पहले से ही अदालत में है.
विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने कटाक्ष किया कि कमलनाथ सरकार 1/3 के गार्ड के साथ चल रही है. जवाब में कमलनाथ ने इस बात को माना लेकिन कहा कि उन्होंने विधायक की बात सुनने और उनके सुझाव लेने की ज़िम्मेदारी मंत्रियों को सौंपी है. कमलनाथ ने भी सरकार पर ख़तरे से इंकार करते हुए कहा, “आप गोवा और कर्नाटक की तुलना एमपी से नहीं कर सकते हैं, क्योंकि वहां की चीजें एमपी से बिल्कुल अलग हैं. मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार को कोई खतरा नहीं है.
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