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May 2 2024 08:46 AM

शादी से पहले दुल्हन को हुआ ब्रेन-स्ट्रोक, ब्रेन-डेड हुई तो परिवार ने किया ये महान काम

Posted at: Feb 14 , 2022 by Dilersamachar 9403

दिलेर समाचार, बेंगलुरू. कर्नाटक (Karnataka) से एक मिसाल पेश करने वाली खबर आई है. यहां कोलार (Kolar) इलाके में 6 फरवरी को एक विवाह-समारोह चल रहा था. शादी से पूर्व की रस्मों के दौरान दूल्हा-दुलहन की तस्वीरें ली जा रही थीं. अगले दिन 7 फरवरी को शादी थी. इससे पहले ही अचानक दुलहन गश खाकर गिर पड़ी. आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया तो मालूम पड़ा कि उसे ब्रेन-स्ट्रोक (Brain-Stroke) हुआ है. अस्पताल पहुंचने में भी चूंकि देर हो गई थी, इसलिए लड़की ब्रेन-डेड (Brain-Dead) हो चुकी थी. तब दोनों परिवारों ने कोई और चारा न देख अपनी बेटी का अंगदान कर उसे दूसरों में जिंदा रखने का फैसला किया.

यह कहानी कोलार जिले कोडिचेरुवू गांव की चैत्रा केआर की है. उसे इसी शुक्रवार को ब्रेन-डेड घोषित किया गया था. ब्रेन-स्ट्रोक के बाद उसे बेंगलुरू के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस (NIMHANS) में भर्ती कराया गया था. यहां के डॉक्टर शशिधर एचएन ने द टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ‘ब्रेन-स्ट्रोक (Brain-Stroke) के बाद करीब 4-4.5 घंटे की अवधि बहुत महत्त्वपूर्ण होती है. इसे गोल्डन-आवर्स कहते हैं. चैत्रा को जब हमारे पास लाया गया तो उसकी यह अवधि बीत चुकी थी. इसलिए तमाम कोशिशों के बावजूद हम उसे वापस नहीं ला सके. उसे ब्रेन-डेड घोषित करना पड़ा.’

वे बताते हैं कि चैत्रा के परिवारवालों की सहमति से उसकी दोनों किडनियां, हार्ट-वॉल्व और कॉर्निया हासिल कर लिए गए. इन्हें बाद में राज्यस्तरीय अंग-प्रत्यारोपण समिति के जरिए अन्य जरूरतमंद मरीजों में प्रत्यारोपित (Transplant) कर दिया गया. डॉक्टर शशिधर के मुताबिक, निमहंस में यह पहला मौका है, जब कोई मरीज ब्रेन-डेड (Brain-dead) घोषित किया गया और प्रत्यारोपण के लिए उसके अंग हासिल किए गए. जबकि कर्नाटक में यह इस साल का 12वां मामला है, जब किसी मृत मरीज के अंग प्रत्यारोपण (Organ Transplant) के लिए उपलब्ध हुए हैं.

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