दिलेर समाचार, कोलकाता । कोलकाता की गलियों और पुरी के मंदिरों से लेकर ग्लोबल फूड के नक्शे पर भारत को एक पहचान देने वाला मिठास का पर्याय रसगुल्ला अब सिनेमाघरों की सिलवर स्क्रीन पर भी फिल्म की कहानी का हिस्सा बनकर दर्शकों के सामने आयेगा।
विन्डो और शिवप्रसाद-नंदिता के बैनर तले बनने जा रही फीचर फिल्म ' कोलकाता ऑफ 1960 ' उन्नीसवीं शताब्दी के कोलकाता की पृष्ठभमि पर आधारित होगी तथा रसगुल्ले की खोज के इर्द गिर्द घूमती नजर आयेगी।
फिल्म के निर्माता शिवप्रसाद मुखोपाध्याय हैं और इसका निर्देशन पावेल करेंगें। शिवप्रसाद के मुताबिक किशोरवय की प्रेम कहानी पर केंद्रित यह फिल्म रसगुल्ला की खोज के इर्द-गिर्द घूमती नजर आयेगी। जादवपुर विश्वविद्यालय के प्रथम वर्ष के छात्र उज्जन गांगुली फिल्म में 'रसगुल्ला केे कोलंबस' के नाम से लोकप्रिय नवीन दास की भूमिका में नजर आयेंगे।
बाबर नाम गांधी के जरिए खासी लोकप्रियता बटोरने वाले पावेल ने कहा कि रसगुल्ले की वास्तविक कहानी के संदर्भ में उन्होंने दो वर्ष तक शोध किया तथा प्रख्यात लेखक बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के उपन्यासों 'हुतुमपचार नोकशा' और 'अलालेर घोरेर दुलाल' सहित 19वीं शताब्दी के बंगला साहित्य का भी अध्ययन किया है।
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