दिलेर समाचार, पलारी थानान्तर्गत रोहांसी वन परिक्षेत्र में मई 2015 को लकड़ी परिवहन के नाम में लाखों रुपए के गबन करने वाले डीएफओ, डीएफओ, एसडीओ, रेंजर, डिप्टी रेंजर, फारेस्ट गार्ड के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया। मामले में एफआईआर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आदित्य जोशी के आदेश के बाद किया गया। पलारी पुलिस ने अपराध दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
रोहांसी वन परिक्षेत्र में मई 2015 में लकड़ी परिवहन के नाम पर वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने लाखो रुपयों का गबन कर शासन को चूना लगाया। जिसकी जानकारी सूचना के अधिकार पर प्राप्त जानकारी के बाद हुई।
प्रार्थी नारायण सिंह चौहान ग्राम बोरतरा द्वारा सूचना के अधिकार द्वारा लकड़ी परिवहन संबंधी जानकारी मांगी गई थी। जिसमें इस बात का खुलासा हुआ। प्राप्त जानकारी के आधार पर प्रार्थी ने संबंधित विभाग और पुलिस से उक्त मामले में कार्यवाही करने की कई बार गुहार लगाई। परंतु जब कही भी उसकी सुनवाई नहीं हुई तो उसने न्यायालय की शरण ली।
जहां मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आदित्य जोशी ने मामले की सुनवाई करते हुए 15 जनवरी मंगलवार को शासकीय राशि में कूट रचना कर गबन करने के मामले में संलिप्त बलौदाबाजार के पूर्व डीएफओ शिवशंकर बड्गय्या, एसडीओ एसबी द्विवेदी, रेंजर कोमल दास घृतेश, डिप्टी रेंजर रतन सिह डड़सेना, फारेस्ट गार्ड सतीश सोनकेवरे के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर धारा 420, 409, 467, 468, 471, 34 के तहत अपराध पंजीबद्घ किया गया।
गौरतलब है कि बलौदाबाजार डीएफओ रहते हुए एसएस बड्गय्या के निवास पर आर्थिक अपराध अन्वेषन ब्यूरो का छापा पड़ा था। जबकि एसडीओ एसबी द्विवेदी रिटायर्ड हो चुके है। वहीं रेंजर घृतेश का अन्यत्र तबादला हो चुका है। वर्तमान में रतन डड़सेना और सतीश सोनकेवरे पलारी मे पदस्थ है।
क्या है मामला
पुलिस से प्राप्त जानकारी अनुसार 20 मई 2015 से 28 मई 2015 तक ट्रेक्टर वाहन क्रमांक सीजी 04 बी 9929 से 32 हजार घन मीटर लकड़ी का परिवहन 36,90,400 रुपए भुगतान बताया गया है। उक्त वाहन का छतीसगढ़ में पंजीयन ही नहीं हैं। इसी तरह मादा क्रमांक सीजी 04 ई 0434 के द्वारा भी लकड़ी का ढुलाई करना बताया गया है। जबकि उक्त परिवहन का नंबर मिनी बस का है। जो हरजीत सिंह आहूजा रायपुर के नाम पर दर्ज है।
इसी तरह बाउचर नंबर 408, 411, 413 में कुल 1,54,217 रुपया फर्जी वाहन क्रमांक दर्शाकर निकाल लिया गया। इसी तरह 20.202, 39000, 37.700, 40.000, 37.600, 28.000, 37.000, 28.000 व 4140 घन मीटर लकड़ी की ढुलाई दर्शाया गया है।
माजदा वाहन से कुल 3,13,984 रुपए का भुगतान यशवर्धन वर्मा केम्प संडी के नाम से दर्शाया गया है। जबकि यशवर्धन वर्मा नाम का कोई व्यक्ति संडी केम्प में नहीं है और मादा वाहन की जगह फर्जी वाहन 32 सीटर 709 टाटा मोटर द्वारा निर्मित मिनी बस है। जिसमे ढुलाई संभव नहीं है।
- न्यायालय के आदेश पर कूटरचना कर शासकीय राशि का गबन करने वाले 5 अधिकारियों के खिलाफ अपराध पंजीबद्घ कर कार्यवाही की जा रही है। पुलिस को आरोपियों की तलाश है वहीं जांच में और भी लोगों का नाम आने पर उनके खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी।
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