दिलेर समाचार, लाहौर। भारत की लॉबिंग की वजह से पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) द्वारा काली सूची में डाला जा सकता है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मंगलवार को यह बात कही. कुरैशी ने कहा कि यदि पाकिस्तान एफएटीएफ की निगरानी सूची में रहता है तो उसे सालाना 10 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है.
पेरिस के एफएटीएफ ने पिछले साल जून में पाकिस्तान को निगरानी वाले देशों की सूची में डाला था. इस सूची में वे देश शामिल हैं, जो मनी लांड्रिंग तथा आतंकवाद के वित्तपोषण की चुनौतियों से निपटने में कमजोर माने जाते हैं. एफएटीएफ आतंकवाद के वित्तपोषण और मनी लांड्रिंग पर अंकुश के लिए काम कर रहा है. उसने पाकिस्तान से देश में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के परिचालन का नए सिरे से आकलन करने को कहा था.
पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद से पाकिस्तान पर जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों पर अंकुश लगाने के लिए भारी अंतरराष्ट्रीय दबाव है. कुरैशी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि विदेश विभाग यह गणना कर रहा है कि यदि पाकिस्तान को एफएटीएफ की खाली सूची में डाला जाता है तो कितना नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि भारत इसके लिए लॉबिंग कर रहा है.
उन्होंने कहा कि सरकार का आकलन है कि यदि उसे निगरानी सूची में कायम रखा जाता है तो सालाना 10 अरब डॉलर का नुकसान होगा.
सऊदी अरब ने दिया था भारी भरकम पैकेज
ये रकम पाकिस्तान के लिहाज से बहुत बैठती है. पाई पाई को मोहताज पाकिस्तान को इतना झटका लगा ताे उसकी अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा जाएगी. अभी कुछ दिन पहले ही सउदी अरब ने उसे भारी भरकम कर्ज दिया था. लेकिन अगर उसे काली सूची में डाला जाता है, तो पाकिस्तान के लिए आने वाले दिन और मुश्किल भरे हो सकते हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने उसे पहले ही कर्ज देने से मना कर दिया था. पाकिस्तान को अमेरिका से मिलने वाली मदद में पहले ही कमी आ चुकी है.
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