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PNB घोटाला : नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के खिलाफ सरकार ने उठाए ये 'कदम'

Posted at: Aug 7 , 2018 by Dilersamachar 9939

दिलेर समाचार, नई दिल्‍ली:  पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) बैंक धोखाधड़ी मामले की जांच कर रहे अधिकारी समेत चार आला अफसरों का सीबीआई में कार्यकाल बढ़ाया गया है. वहीं भारत ने भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए एंटीगुआ को एक अनुरोध पत्र सौंपा है. उस पर भारत की सबसे बड़ी बैंकिंग धोखाधड़ी कांड में संलिप्त रहने का आरोप है. वह इस कैरिबाई देश की नागरिकता हासिल करने के बाद अभी वहां रह रहा है. 

अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के वी चौधरी की अध्यक्षता में चयन समिति की हालिया बैठक में यह निर्णय किया गया. केंद्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक आलोक वर्मा और एजेंसी में दूसरे सबसे वरिष्ठ अधिकारी राकेश अस्थाना के बीच खींचतान की खबरों के बीच इस कदम को अहम माना जा रहा है. मुंबई में बैंकिंग, सुरक्षा और धोखाधड़ी प्रकोष्ठ (बीएसएफसी) के डीआईजी सीएच नागराजू का कार्यकाल बढ़ाया गया है. वह हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी की संलिप्तता वाले पीएनबी घोटाले की जांच कर रहे हैं. नागराजू केरल काडर के 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. कार्मिक मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, नागराजू का इस साल 16 दिसंबर से 30 जून 2019 तक कार्यकाल बढ़ाया गया है. उनकी पत्नी हर्शिता अत्तालूरी भी मुंबई में सीबीआई की भ्रष्टाचार रोधी शाखा की प्रमुख हैं और उनका भी इस अवधि तक कार्यकाल बढ़ाया गया है. आदेश के मुताबिक, इसके अलावा मनीष कुमार सिन्हा और जसबीर सिंह का भी कार्यकाल बढ़ाया गया है. सिन्हा बेंगलूरू में एजेंसी के बीएसएफसी में काम कर रहे हैं. उनका कार्यकाल पांच नवम्बर 2020 तक है. सिंह नगालैंड के काडर के 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. उन्होंने हिमाचल प्रदेश के कोटखई में नाबालिग लड़की से बलात्कार के बाद हत्या का मामला सुलझाया था. उनका कार्यकाल 31 जुलाई 2020 तक होगा.  सीबीआई में पुलिस अधीक्षक के तौर पर चार अधिकारियों को भी शामिल किया गया है.

एंटीगुआ को अनुरोध पत्र सौंपा 

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए एंटीगुआ के अधिकारियों से अनुरोध करने के वास्ते विदेश मंत्रालय और अन्य एजेंसियों से एक भारतीय टीम कुछ दिन पहले एंटीगुआ भेजी गई है. चोकसी भारत में दो अरब डॉलर के पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी कांड में वांछित है.  एक आधिकारिक सूत्र ने बताया, ‘टीम ने कैरीबियाई देश के विदेश मंत्रालय अधिकारियों से कल मुलाकात की और चोकसी को भारत प्रत्यर्पित कराने के लिए एक अनुरोध पत्र सौंपा था.’ टीम ने चोकसी के खिलाफ मामले का ब्यौरा भी पेश किया. वह हीरा कारोबारी नीरव मोदी के साथ घोटाले का कथित सरगना है. उसके खिलाफ सीबीआई और ईडी की जांच चल रही है. खबरों के अनुसार, चोकसी के नागरिकता आवेदन को रोकने के संबंध में भारत द्वारा प्रतिकूल रिपोर्ट नहीं दिए जाने पर एंटीगुआ के अधिकारियों ने नवंबर 2017 में उसे वहां की नागरिकता दे दी थी. चोकसी इस साल चार जनवरी को भारत से भाग गया था और उसने 15 जनवरी को एंटीगुआ में निष्ठा की शपथ ली थी. उसकी नागरिकता को नवंबर 2017 में मंजूरी मिली थी.  

एंटीगुआ के अखबार डेली आबजर्वर ने इस बात का जिक्र किया है कि मई 2017 में एंटीगुआ में नागरिकता के लिए चोकसी के आवेदन के साथ स्थानीय पुलिस का क्लीयरेंस भी था, जिसकी नियमों के मुताबिक जरूरत होती है. इसने इस बात का जिक्र किया है कि मुंबई स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय से पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकट (पीसीसी) में कहा गया था कि चोकसी के खिलाफ कोई प्रतिकूल सूचना नहीं है जो उन्हें एंटीगुआ और बारबूडा के लिए वीजा सहित यात्रा सुविधाएं प्रदान करने से अयोग्य ठहरा सके. चोकसी को दी गई पीसीसी के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह चोकसी के पासपोर्ट पर उस वक्त उपलब्ध एक स्पष्ट पुलिस सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर दिया गया था. इस बीच, बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा है कि एंटीगुआ के ‘निवेश के बदले नागरिकता प्राधिकरण’ को भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी के बारे में कभी भी क्लीन चिट रिपोर्ट नहीं दी है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी. अधिकारी ने कहा कि सेबी चोकसी को नागरिकता देने को लेकर इस मामले में एंटीगुआ को नोटिस भेजने पर विचार कर रहा है. 
 

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