दिलेर समाचार, नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्यायाधीशों को सरकारी अधिकारियों के बारे में गलत टिप्पणी करने से बचना चाहिए. जब बेहद जरूरी हो, तब ही ऐसा करना चाहिए. उनके बारे में बात करते समय उन्हें हमेशा निष्पक्ष रहना चाहिए और सही शब्दों का प्रयोग करना चाहिए. क्या कहना है इसके लिए शब्दों का चयन करते समय गंभीर और विचारशील होना महत्वपूर्ण है.
अदालत में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उस केस का जिक्र किया, जहां एक निजी कंपनी के स्वामित्व वाली दुकान को पंजाब के आबकारी और कराधान विभाग के अधिकारियों द्वारा सील कर दिया गया था. कंपनी पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट गई और कहा कि यह उचित नहीं है. हाईकोर्ट ने कहा कि विभाग के ऋषिपाल सिंह नाम के व्यक्ति को सजा मिलनी चाहिए क्योंकि उन्होंने एक दस्तावेज में झूठ बोला है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने देखा कि यह व्यक्ति वास्तव में इस मामले में शामिल नहीं था और किसी ने भी उन्हें अपनी सफाई देने का मौका नहीं दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनावश्यक टिप्पणियां करना अच्छा नहीं है क्योंकि इससे न्यायाधीशों पर भरोसा खत्म होने लगेगा. इससे लोग अपना काम ठीक से करने से भी डर सकते हैं.
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