दिलेर समाचार, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार की ओर से 5 बाबाओं को राज्य मंत्री का दर्जा दिये जाने पर सियासत तेज है. मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसले को के ऊपर जहां कांग्रेस हमलावर दिख रही है और इसे राजनीतिक छलावा बता चुकी है, वहीं अब धर्मगुरुओं की ओर से इस फैसले के खिलाफ आवाजें उठी लगी है. बाबाओं को मंत्री का दर्जा दिये जाने पर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने भी हमला बोला है.
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने कहा कि सरकार उन लोगों को ऐसे स्टेटस प्रदान करती है, जो लोग सम्मानित होते हैं और जो आध्यात्मिक रूप से लोगों की मदद करते हैं. मगर सरकार अपने स्वार्थ सिद्ध करने के लिए ऐसे लोगों को राज्य मंत्री का दर्जा दे रही है, जिसे लोग जानते तक नहीं. ऐसा कतई नहीं होना चाहिए.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने पांच हिंदू धर्म गुरुओं को राज्य मंत्री का दर्जा दिया है. ये धर्म गुरु हैं नर्मदानंद महाराज, हरिहरानंद महाराज, कंप्यूटर बाबा, भैयू महाराज और पंडित योगेंद्र महंत. इन सभी को नर्मदा किनारे के क्षेत्रों में वृक्षारोपण, जल संरक्षण और स्वच्छता के विषयों पर जन जागरूकता अभियान चलाने के लिए गठित विशेष समिति में 31 मार्च को शामिल किया गया है.
विपक्षी कांग्रेस ने इन संतों की धार्मिक अपील का फायदा उठाने की कोशिश करने के लिए सरकार की आलोचना की. कांग्रेस के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने इसे धर्मगुरुओं के नाम पर राजनीतिक नौटंकी करार दिया. उन्होंने कहा कि सरकार ने नर्मदा संरक्षण की अनदेखी की. उन्होंने कहा कि इन संतों को इस बात का निरीक्षण करना चाहिए कि आखिर राज्य सरकार ने 6 करोड़ रुपये के पौधे कहां लगाए हैं, जैसा वह दावा करती है.
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