दिलेर समाचार, इस्लामाबाद। कश्मीर का मसला युद्ध से हल नहीं हो सकता। यह केवल बातचीत से हल हो सकता है और उसके लिए दो-तीन विकल्प हैं। उन पर पाकिस्तान और भारत विचार कर सकते हैं। सोमवार को यह बात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पत्रकारों से बातचीत में कही। भारत के साथ रिश्तों को सुधारने की इच्छा जताते हुए उन्होंने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर बनाने का फैसला कोई गुगली नहीं है।
यह रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए लिया गया सीधा-सादा फैसला है। ऐसा कहकर इमरान ने अपने विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के उस बयान का खंडन किया है जिसमें कॉरिडोर खोले जाने को इमरान की गुगली की संज्ञा दी गई थी। इस बीच चीन ने भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर जमी बर्फ के पिघलने का स्वागत किया है। कहा है- करतारपुर साहिब कॉरिडोर दोनों देशों के संबंध मजबूत करने का बड़ा जरिया बन सकता है।
28 नवंबर को पाकिस्तान में हुए कॉरिडोर की आधारशिला रखने के समारोह में भारतीय केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर, हरदीप सिंह पुरी और पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने भाग लिया था। आधारशिला प्रधानमंत्री इमरान खान ने रखी थी। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच चल रहे वाक्युद्ध के बीच सोमवार को इस्लामाबाद में कहा, पाकिस्तान सरकार भारत के साथ शांतिपूर्ण बेहतर रिश्ते बनाने के प्रति गंभीर है। करतारपुर साहिब कॉरिडोर की स्थापना के पीछे कोई अन्य मंशा नहीं है। इससे पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री के जवाब में उनकी भारतीय समकक्ष सुषमा स्वराज ने बयान को सिखों की भावनाओं को आहत करने वाला बताया था।
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