दिलेर समाचार, नई दिल्ली। आम लोग भारतीय सीमा में हवाई और समुद्री यात्रा के दौरान जल्दी ही मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं इस्तेमाल कर सकेंगे। सरकार ने इन सेवाओं के लिए नियमों की अधिसूचना जारी कर दी है।
फ्लाइट में मोबाइल सेवाएं तभी दी जाएंगी जब विमान 3000 मीटर से ज्यादा ऊंचाई पर उड़ने लगे।देश में सक्रिय भारतीय और विदेशी एयरलाइन और शिपिंग कंपनियां वैध भारतीय टेलीकॉम लाइसेंसधारक कंपनियों के साथ मिलकर यात्रियों को सफर के दौरान वॉइस और डाटा सेवाएं दे सकेंगी।
विगत 14 दिसंबर को जारी अधिसूचना के अनुसार फ्लाइट एंड मैरीटाइम कनेक्टिविटी रूल्स, 2018 लागू किए गए हैं। इन-फ्लाइट एंड मेरीटाइम कनेक्टिविटी (आईएफएमसी) सेवाएं जमीन पर टेलीकॉम नेटवर्क के साथ सैटेलाइट का इस्तेमाल करके उपलब्ध कराई जा सकेंगी।
अधिसूचना के अनुसार लाइससेंसधारी कंपनियां अंतरिक्ष विभाग से अनुमति प्राप्त घरेलू और विदेशी सैटेलाइटों का इस्तेमाल करके सेवाएं दे सकेंगी। सेवाओं के लिए सैटेलाइट सिस्टम का इस्तेमाल करने के लिए आवश्यक होगा कि ऐसे सैटेलाइटों का अर्थ स्टेशन भारतीय सीमा में स्थित हो। इन सेवाओं के लिए एनएलडी (नेशनल लांग डिस्टेंस), एक्सेस सर्विस या आईएसपी लाइसेंसधारकों के नेटवर्क का इस्तेमाल किया जा सकता है।
आईएफएमसी सेवाएं विमान में तभी दी जाएंगी जब विमान 3000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ने लगे। इससे नीचे विमान के उड़ने पर सेवाएं नहीं दी जा सकेंगी ताकि विमान की संचार व्यवस्था में कोई व्यवधान न हो।
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