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कोविड-19 का बढ़ता हुआ दायरा : हमारी जिम्मेदारी

Posted at: May 8 , 2020 by Dilersamachar 9728

दिलेर समाचार, शुभांगी । आज कोविड 19 का दायरा तेजी के साथ बढ़ता जा रहा है. प्रतिदिन तीन से चार हजार मरीजो का बढ़ना यह दर्शाता है  हम (आम लोगों) ने अपनी जिम्मेदारी ठीक तरीके से नहीं निभाई. यह जिम्मेदारी हमने ही नहीं हमारे नियंताओ ने भी नहीं निभाई.

   पहले लॉक डाउन में ही हजारों की तादाद में भीड़ आनंद विहार सरकारी बसें लगाकर पहुंचा दी जाती है . इसके बाद निजामुद्दीन की घटना जिसने पूरे देश में इस वायरस को पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई. सरकार द्वारा लगातार अपील करने के बाद भी ये लोग सामने नहीं आए. जब धार्मिक स्थलों पर छापा डाला गया तब ये पकड़ में आ रहे हैं. क्या आपकी देश के प्रति जिम्मेदारी नहीं है? धर्म तो यही सिखाता है कि मानव को मानव से बिना किसी भेदभाव के प्रेम करना चाहिए. परन्तु यहां सब यह परे रख दिया गया. परन्तु इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण रहा है हम देशवासियों का व्यवहार. जिस व्यवहार ने इसे आज महामारी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है. हमारी पुलिस और उनके सहायक सिविल डिफेंस कार्यकर्ता क्या हर घर के दरवाजे पर बैठ सकते हैं? सरकार सड़क के दोनों ओर बैरियर लगाकर पुलिस को बैठा सकती है, परन्तु नियम का पालन तो हमें ही करना होगा और हम लोग आपस में एक दूसरे घर जाने मिलने से परहेज ही नहीं कर रहे. बिना मास्क, बिना सामाजिक दूरी बनाए मिल रहे हैं. जिसने आग (कोविड) पर घी डालने का काम किया.

   जिस चैन को तोड़ने के लिए 14 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाना पड़ा था. यदि हम यह चैन तोड़ देते तो यह फैलता ही नहीं. परंतु हमने इसकी परवाह ही नहीं की. और इसका नतीजा सामने दिखाई दे रहा है.

बहुत से लोगों को अर्थव्वस्था की बड़ी फिक्र हो रही है. यह जल्द से जल्द खुलनी चाहिए. और जैसे-जैसे यह खुलेगी तब पता चला क्या होगा? बाजार खोलते ही शराब के ठेकों पर लगी (बिना मास्क, बिना सामाजिक दूरी) लम्बी लाइन यह दर्शाती है हम सुधर नहीं सकते. और इन लंबी लाइनों में अधिकाशतया युवावर्ग दिखाई दे रहा है. इससे पता चलता है कि आज युवा क्या सोच रखता है? सड़को पर बढ़ती भीड़ दर्शाती है कि हमारा देश एक ऐसी स्थिति में पहुंचने वाला है. जहां चारो तरफ मौत का मंजर दिखाई देगा. अंतिम संस्कार के लिए लोग भी नहीं मिल पाएंगे. हो सकता है बड़े शहरों दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता में चारों तरफ हाहाकार मच जाए.

कुछ तो यह भी कहने लगे है कि अब कोविड के साथ ही जीना होगा. यह तो भविष्य बताएगा कि कोविड जीने भी देगा.

   एक आदमी एक सरकार चाहे वह देश का प्रधानमंत्री हो या राज्य का मुख्यमंत्री अपनी जनता के बिना सहयोग के कभी कामयाब नहीं हो सकता. इसलिए ऐसे समय पर एक बार फिर हम व आप लोग सरकार का साथ दे पुलिस, डॉक्टर, सफाई कर्मचारी अर्थात कोरोना योद्दाओं का साथ दे. उनका कहा माने विशेषकर मास्क और सामाजिक दूरी बनाए रखे. अब भी हम जीत सकते हैं. अगर हम व आप सब मिलकर चलें.

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