दिलेर समाचार, कोलकाता: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा ऐलान किया है. सीएम ममता बनर्जी ने राज्य की आशा वर्कर्स और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को बड़ी खुशखबरी देते हुए उनकी सैलरी में बड़ा इजाफा किया है. टीएमसी सुप्रीमो ममता ने कहा कि अप्रैल महीने से आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी वर्कर्स की सैलरी में 750 रुपये की बढ़ोतरी का फैसला लिया गया है. बता दें कि ममता ने ऐसे वक्त में यह ऐलान किया है, जब पीएम मोदी बंगाल में ही मौजूद हैं और कई परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया है.
एक समाचार एजेंसी के मुताबिक, ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा, ‘अप्रैल से आशा कार्यकर्ताओं के वेतन में 750 रुपये की बढ़ोतरी की गई है. वे हमारे गौरव हैं क्योंकि वे बहुत कड़ी मेहनत करती हैं. वो हर बुरे वक्त में हमारा साथ देती हैं. मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का वेतन भी अप्रैल से 750 रुपये बढ़ा दिया गया है. आंगनवाड़ी सहायिका यानी आईसीडीएस सहायकों को लगभग 6,000 रुपये मिलते हैं, 1 अप्रैल से उनका वेतन 500 रुपये बढ़ जाएगा. मुझे उम्मीद है कि वे जीवन में अच्छा करेंगे. ‘मां माटी मानुष’ सरकार हमेशा लोगों के साथ रहेगी.’
बता दें कि इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को भाजपा के ‘मोदी की गारंटी’ नारे पर कटाक्ष करते हुए दावा किया कि उनकी सरकार के किए गए वादे पूरे हुए हैं, जबकि केंद्र सरकार के वादे पूरे नहीं हुए. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो बनर्जी ने दावा किया कि वह लोगों से किए गए अपने वादे निभाती हैं लेकिन भाजपा के वादे ‘चुनावी हथकंडे’ हैं. एक सार्वजनिक सेवा वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘हमने किए गए सभी वादे पूरे किए हैं। पश्चिम बंगाल में सभी वर्गों के लोगों को राज्य की योजनाओं के तहत लाभ मिलता है. लेकिन क्या किसी को केंद्र का बेटी पढ़ाओ लाभ मिला है?’
केंद्र की ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना का उद्देश्य नागरिकों को लैंगिक पूर्वाग्रह के खिलाफ शिक्षित करना और लड़कियों के लिए कल्याणकारी सेवाओं की प्रभावशीलता में सुधार करना है. राज्य की महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता योजना ‘लक्ष्मी भंडार’ के बारे में उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इसके तहत 25,000-30,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य में 66-68 कल्याणकारी योजनाएं हैं जो जन्म से लेकर मृत्यु तक जीवन के हर पड़ाव को छूती हैं.
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