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पंजाब में कुछ इस तरह मनाई बैसाखी

Posted at: Apr 13 , 2018 by Dilersamachar 10063

दिलेर समाचार, नई दिल्ली: उत्तरी भारत में पंजाब सहित कई हिस्सो में बैसाखी (Baisakhi) बड़ी ही धूमधाम से मनाई जाती है. ढोल-नगाड़ों के साथ लोग खालसा पंथ की स्‍थापना और नई फसल का जश्न मनाते हैं. पंजाब के अलावा भी कई जगहों में किसान अपनी पकी हुई फलस के कटने की खुशी इसी त्यौहार से मनाते हैं. इस त्यौहार को पंजाब में बैसाखी (Vaisakhi) के नाम से जाना जाता है.  लेकिन बाकि हिस्सों में इसके अलग नाम प्रचलित हैं. असम में इसे बिहू कहते हैं, बंगाल में इसे पोइला बैसाख कहते हैं और केरल में इस त्‍यौहार को विशु कहा जाता है. 


आपको बता दें बैसाखी के ही दिन 13 अप्रैल 1699 को दसवें सिख गुरु गोविंद सिंहजी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. खालसा पंथ की स्थापना का लक्ष्य था धर्म और नेकी के आदर्श के लिए सदैव तत्पर रहना. इसलिए बैसाखी का त्योहार सिखों का एक सबसे बड़ा त्योहार है. इस दिन पंजाब का परंपरागत नृत्य भांगड़ा और गिदा किया जाता है. इसी वजह से इस दिन को सिक्खों का नया साल भी कहा जाता है. 

सुनहरी धूप बरसात के बाद 
थोड़ी सी खुशी हर बात के बाद 
उसी तरह मुबारक हो आपको 
ये नई सुबह कल रात के बाद
Happy Baisakhi

 

 


नए दौर, नए युग की शुरुआत
सत्‍य, कर्तव्‍य हों सदा साथ
बैसाखी का सुंदर पर्व 
सदैव याद दिलाता है मानवता की बात 
Happy Baisakhi

 

 


नच ले, गा ले हमारे साथ 
आई है बैसाखी खुश‍ियों के साथ
मस्‍ती में झूमों और खाओ खीर-पूरी
अब न करो दुनिया की परवाह 
Happy Baisakhi

 

 


तुस्सी हंसदे ओ सानू हंसान वास्‍ते
तुस्सी रोन्ने ओ सानूं रुआण वास्ते
इक वार रुस के ते विखाओ सोणेयो
मर जावांगे तुहाणूं मनान वास्ते
बैसाखी दा दिण है खुशियां मणान वास्ते
Happy Baisakhi

 

 


ओह खेतां दी महक
ओह झूमरां दा नचना
बड़ा याद आउंदा है
तेरे नाल मनाया होया हर साल याद औंदा है
दिल करदा है तेरे कोल आके वैसाखी दा आनंद लै लां
की करां काम्म दी मजबूरी
फिर वी दोस्त तूं मेरे दिल विच रेहंदा हैं
Happy Baisakhi

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