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मंगलवार को इंडोनेशिया रवानगी से पहले पीएम ने भी ट्वीट कर कहा, ''मैं 29 मई से 2 जून तक इंडोनेशिया, मलेशिया और सिंगापुर के दौरे पर रहूंगा. भारत के इन तीनों देशों के साथ मजबूत रणनीतिक संबंध हैं. इन देशों में मैं विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लूंगा.
जकार्ता में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के साथ कई विषयों पर विस्तार से बात होगी. वहीं शीर्ष CEO और भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात होगी. 31 मई को सिंगापुर जाते वक्त में कुछ देर मलेशिया में रुककर नए प्रदगंममत्री महाथिर मोहम्मद हो बधाई दूंगा.
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सिंगापुर में यात्रा का फोकस दोनॉन देशों के रिश्तों को आगे बढ़ना है. वहां क्लिफोर्ड पियर भी जाना होगा जहां महात्मा गांधी की अस्थियों को 27 मार्च 1948 को समुद्र में प्रवाहित किया गया था.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक प्रधानंत्री के इस दौरे का मकसद हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के सामरिक समीकरणों में भारत की भूमिका को बढ़ाना और आसियान कुनबे से रणनीतिक सहयोग मजबूत करना है. आसियान परिवार के सबसे बड़े मुल्क इंडोनेशिया के साथ भारत रक्षा सहयोग बढ़ाने में जुट है जहां चीन पहले से पींगे बढ़ा रहा है.
पीएम के इस दौरे में दोनों देशों के बीच नए रक्षा सामझौते पर भी दस्तखत होना हैं. साथ ही इंडोनेशिया के बंदरगाहों के विकास में भी भारत साझेदारी बढ़ाने पर ज़ोर देगा. भारत इंडोनेशिया में आकाश और ब्रह्मोस जैसी मिसाइलों का खरीदार भी तलाश रहा है.
जानकारों के मुताबिक पीएम की इस यात्रा से हिन्द प्रशांत क्षेत्र की उभरती अहमियत के मद्देनजर इस इलाके में भारत की सक्रियता को साबित करने का भी अहम मौका मिलेगा. दक्षिण पूर्व एशिया में चीनी रुबाब को लेकर पनपते असंतोष के बीच जहां भारत के लिए बेहतर संभावनाएं हैं वहीं पुराने सांस्कृतिक संबंधों की बदौलत एक विशेष बढ़त भी उसे हासिल है.
इस बीच रमज़ान के महीने में इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे मुस्लिम बहुल मुल्कों की पीएम मोदी की यात्रा में कई संदेश भी छिपे हैं. यात्रा के दौरान पीएम मोदी जहां इंडोनेशिया की सबसे बड़ी और अहम इस्तेकलाल मस्ज़िद जाएंगे. वैसे यह पहला मौका नहीं जब पीएम मोदी विदेश में किसी मस्ज़िद में जा रहे हों. इससे पहले 2015 में संयुक्त अरब अमीरात यात्रा के दौरान मोदी ग्रैंड मॉस्क गए थे. इसके अलावा फरवरी 2018 में ओमान यात्रा के दौरान मस्कट की ग्रैंड कुबुस मॉस्क भी गए थे.
हालंकि इंडोनेशिया में पीएम मोदी मस्ज़िद ही नहीं जाएंगे बल्कि अपने मेज़बान राष्ट्रपति जोको विडोडो के साथ रोज़ा इफ्तार में भी शामिल होंगे. दरअसल दोनों नेताओं के बीच औपचारिक वार्ता का कार्यक्रम यूँ तो 30 मई की दोपहर सम्पन्न हो जाएगा लेकिन रमज़ान के कारण राष्ट्रपति विडोडो अपने मेहमान पीएम मोदी के लिए दोपहर भोज का आयोजन नहीं कर सकते थे. लिहाज़ा शाम को विडोडो के रोज़ा खोलने के बाद ही दावत की मेज पर दोनों नेता साथ बैठेंगे. पीएम मोदी दोपहर का खाना
अपने होटल में ही खाएंगे.
इस यात्रा में पहले पीएम मोदी का इंडोनेशिया के सबसे पुराने हिन्दू मंदिर प्रम्बनम और बौद्ध मंदिर बोरोबुदुर जाने का भी कार्यक्रम था. मगर अंतिम समय हुए रद्दोबदल में योग्यकर्ता के इस मंदिर दर्शन कार्यक्रम को हटा दिया गया. हालांकि पीएम हिन्दू सांस्कृतिक जड़ों वाले स्थान पर हों और उसके किसी प्रतीक पर न जाएं यह कैसे हो सकता है.
लिहाज़ा पीएम मोदी इस्तेकलाल मस्ज़िद से पहले जकार्ता मोनास चौक पर स्थित अर्जुन रथ को देखने जाएंगे. महाभारत में अर्जुन का रथ हांकते कृष्णा का चित्रण करती यह मूर्ति दुनिया के सर्वाधिक मुस्लिम बहुल मुल्क में हिन्दू संस्कृति की जड़ों की गहराई बताती है. मोदी और विदोदो औपचारिक वार्ता खत्म होने का बाद मोनास स्क्वायर पर पतंग उत्सव का भी शुभारंभ करेंगे.
इंडोनेशिया से सिंगापुर की यात्रा के कार्यक्रम में ही मलेशिया यात्रा को भी कुच रोज़ पहले जोड़ा गया. मलेशिया में आई नई सरकार को बधाई देने के साथ ही पीएम मोदी की कोशिश अब तक अटके ज़ाकिर नायक जैसे मुद्दों को सुलझाने के लिए आपसी समझ की ज़मीन तैयार करेंगे. मलेशिया की पिछली सरकार से मिली सरपरस्ती के चलते कट्टरपंथी धार्मिक उपदेशक ज़ाकिर नायक मलेशिया में जा छुपा. जानकारों को उम्मीद है कि पीएम के दौरे से भरत की तरफ से हो रही नाइक के प्रत्यर्पण की कोशिशों का रास्ता आसान होगा.
इंडोनेशिया और मलेशिया के बाद पीएम सिंगापुर में होंगे. पीएम मोदी की इस तीसरी सिंगापुर यात्रा के दौरान यूँ तो एजेंडा शंगरी ला डायलॉग में उनका भाषण है लेकिन लगे हाथ मोदी की कोशिश सिंगापुर से कारोबारी और निवेश सहयोग मजबूत कर कुछ अहम करार बटोरने पर भी होगी.
भारत में आम चुनावों के काउंट डाउन के बीच विदेश संपर्क का रैपिड राउंड खेल रहे मोदी जहां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी मजबूत स्थिति का संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं वहीं कोशिश विदेशी मदद से आर्थिक विकास के उन कांटों को हटाने की भी है जो 2019 में सफलता का रथ रोक भी सकते हैं.
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