दिलेर समाचार, ऐसा लगता है कि भारत के चंद्रयान-3 की सफलता ने दुनिया को बहुत प्रोत्साहित कर दिया है. पिछले महीने ही इसरो के विक्रम लैंडर ने चंद्रमा पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग कर भारत को ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बनाया है. अब जापान ने अपने छोटे रोवर को चंद्रमा पर भेज दिया है और वह इस सूची में पांचवा देश बनने का प्रयास करेगा. अब इस कड़ी में ऑस्ट्रेलिया की स्पेस एजेंसी ने भी इस सूची जुड़ने का फैसला कर लिया है. स्पेस एजेंसी अब खुद का एक रोवर तैयार कर चंद्रमा पर भेजेगी और इसमें उसे नासा का भी सहयोग मिलेगा.
ऑस्ट्रेलियाई स्पेस एजेंसी नासा के साथ मिलकर ट्रेलब्लेजर कार्यक्रम के तहत रोवर बनाएगी जो चंद्रमा और मंगल के लिए कार्यक्रम बनाया गया है. रोवर में ऑस्ट्रेलिया के रिमोट ऑपरेशन विशेषज्ञता का उपयोग किया जाएगा जिसमें चंद्रमा की मिट्टी के नमूने जमा कर उनसे ऑक्सीजन निकलने के प्रयोग किए जाएंगे.
चंद्रमा से ऑक्सीजन निकालने की क्षमता का विकास करना चंद्रमा पर लंबे समय के लिए मानवों की उपस्थिति के लिए बहुत ही अहम प्रयोग है. इस रोवर को नासा के भावी आर्टिमिस अभियानों के लिए बहुत अहम होगा. आर्टिमिस अभियान का सबसे प्रमुख चरण साल 2026 को चंद्रमा पर भेजा जाएगा. माना जा रहा हैकि यह अभियान ऑस्ट्रेलिया के अंतरिक्ष उद्योग के लिए मील का पत्थर साबित होगा.
ऑस्ट्रेलिया के पहले रोवर, जो एक विशेष तरह का रोबोट होगा, का अभी तक नाम तय नहीं हुआ है और ऑस्ट्रेलिया की स्पेस एजेंसी ने इसके नामकरण के लिए लोगों से मदद मांगी है. इसके लिए एजेंसी ने एक बाकायदा प्रतियोगिता रखी है जिसमें ऑस्ट्रेलिया के तमाम नागरिक भाग ले सकते हैं. इसके लिए 20 अक्टूबर तक एंट्री भेजी जा सकती हैं. इसके विजेता का ऐलान दिसंबर में होगा.
नासा का आर्टिमिस अभियान चंद्रमा पर लंबे समय तक मानवीय उपस्थिति के लिए बनाया गया है. वैसे तो इस अभियान के तहत आगामी 2026 को पहली महिला और पहले गैरश्वेत पुरुष को चंद्रमा पर भेजा जाएगा, लेकिन नासा का इरादा इस दशक के अंत तक इंसान की लंबी उपस्थिति को सुनिश्चित करना है जिससे भविष्य में मंगल और दूर के अंतरिक्ष अभियानों की मदद मिल सके.
आर्टिमिस अभियानों के अनुभवों का उपयोग ही इन दूरगामी अभियानों में किया जाएगा. इससे मंगल जैसे ग्रह पर मानव अभियान भेजने में मदद मिल सकेगी. लेकिन उससे पहले ही आर्टिमस 1 सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है, और अब क्रू अभियान 2024 में चंद्रमा का चक्कर लगाएगा. जिसके बाद 2026 में चार यात्रियों को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भेजा जाएगा. जो चंद्रमा पर इंसान भेजने की शुरुआत भर होगी.
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